मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया की जबलपुर संभाग के सैंकड़ों व्याख्याता जो 30 वर्षों कि निरंतर सेवा उपरांत तृतीय समयमान के पात्रता रखते हैं, किन्तु आदेश जारी होने की बाट जोहते हुए सेवा निवृत्त होते जा रहे हैं।
इसी प्रकार संभाग में सैंकडों ऐसे लिपिक संवर्ग के लोक सेवक हैं जिनकी एक ही पद पर एक ही वेतनमान में 10 अथवा 20 वर्ष एवं 30 वर्षों की सेवायें पूर्ण हुए एक वर्ष से अधिक समय व्यतीत हो गया है, किन्तु उन्हें प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ दिये जाने संबंधी आदेश संयुक्त संचालक कार्यालय की उदासीनता के चलते जारी नहीं हो पा रहे हैं। समयमान वेतनमान के इंतजार में कई व्याख्याता एवं लिपिक संवर्ग के लोक सेवक सेवा निवृत्त होते जा रहे हैं। संयुक्त संचालक कार्यालय की इस कर्मचारी विरोधी कार्यप्रणाली से संभाग के व्याख्याता एवं लिपिकों में भारी रोष व्याप्त है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, मंसूर बेग, आलोक अग्निहोत्री, आशुतोष तिवारी, सुरेन्द्र जैन, बृजेश मिश्रा, डॉ संदीप नेमा, योगेन्द्र मिश्रा, अजय ठाकुर, सुनील राय, राकेश उपाध्याय, मनीष चौबे, नितिन अग्रवाल, श्यामनारायण तिवारी, गगन चौबे, मनोज सेन, राजकुमार सिंह, मुकेश रजक, महेश कोरी, राकेश दुबे, प्रणव साहू, राकेश पाण्डे, गणेश उपाध्याय, धीरेन्द्र सोनी, मो. तारिक, अभिषेक मिश्रा, बृजेश गोस्वामी, सोनल दुबे, देवदत्त शुक्ला, विजय कोष्टी, अब्दुल्ला चिश्चिती, संतोष तिवारी, प्रियांशु शुक्ला, विनय नामदेव, पवन ताम्रकार, आदित्य दीक्षित, विष्णु पाण्डे, मनोज पाटकर आदि ने जबलपुर संभाग के कमिश्नर से मांग की है कि स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत व्याख्यता संवर्ग एवं लिपिक संवर्ग के लोक सेवकों की समयमान वेतनमान के आदेश जारी कराये जावें।