मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने वर्तमान में शहरी क्षेत्रों में ट्रिपिंग की संख्या में हुई वृद्धि पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ट्रिपिंग को न्यूनतम स्तर पर लाने के लिये कार्य-योजना बनायें। हर ट्रिपिंग के विश्लेषण की व्यवस्था हो। तीनों विद्युत वितरण कंपनियों एवं विभाग स्तर पर ट्रिपिंग एवं मेंटेनेंस कार्यों की समीक्षा के लिये नोडल अधिकारी नियुक्त करें। उन्होंने यह निर्देश बुधवार को मंत्रालय में तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के कार्यों की समीक्षा के दौरान दिये।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि मेंटेनेंस एवं ट्रिपिंग की मासिक समीक्षा का उत्तरदायित्व प्रबंध संचालक और मुख्य अभियंता का है। बड़े शहरों में फ्यूज ऑफ कॉल व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिये वाहन, मानव संसाधन एवं पर्याप्त मेंटेनेंस सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
इसके साथ ही उन्होंने 33/11 केवी उप-केंद्रों में लगे उपकरणों को चालू करने, अर्थिंग ठीक करने, बड़े शहरों में 11 केवी लाइन की लम्बाई को कम करने एवं पर्याप्त मात्रा में एबी स्विच स्थापित करने के निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि मेंटेनेंस करने वाले कार्मिकों को सेफ्टी उपकरण का उपयोग करने की हिदायत दी जाये। आवश्यकता अनुसार क्रेन की सुविधा भी उपलब्ध करायें।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि आंकलित खपत के देयकों का सिस्टम खत्म करें। मीटर खराब होने की स्थिति में आकलित खपत की गणना इस तरह करें कि उपभोक्ता पर अत्यधिक भार नहीं आये। साथ ही खराब मीटर जल्द बदलें। गलत विद्युत देयकों की शिकायत को पंजी करें और उनके निराकरण की स्थिति से उपभोक्ता को सूचित करें।
उन्होंने कहा कि सभी विभागीय अधिकारी उपभोक्ता संतुष्टि में वृद्धि के हर संभव प्रयास करें और फील्ड में लगातार दौरा करें।