मध्यप्रदेश विद्युत पेंशनर हित संरक्षक संघ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि विद्युत कार्मिकों को प्राथमिकता से पदोन्नति दी जाए, संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाए, शेष रिक्त पदों पर युवाओं को मौका दिया जाए।
संघ ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार राज्य कर्मचारियों के निरंतर रिटायरमेंट के परिणाम स्वरूप प्रभावित हो रहे कार्यों तथा सेवांत भुगतानों हेतु वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष से बढ़ा कर 63/65 वर्ष करने पर निर्णय लेने जा रही है जिसका विद्युत पेंशनर्स हित रक्षक संघ कड़ा विरोध करता है।
संघ ने कहा कि अपेक्षा करता है कि शासन सेवानिवृत्ति की आयु वृद्धि का प्रस्ताव त्याग निम्नलिखित विकल्पों तथा उपायों पर अमल करेगा–
1. लंबित न्यायालीन प्रकरण निर्णय सशर्त पर हर कैडर/चेनालाइज पदों पर पदोन्नति दी जावे।
2. संविदा कर्मियों को नियमित किया जावे।
3. एंट्री कैडर पदों पर अनुकंपा नियुक्ति दी जावे तथा आउट सोर्सिंग कर्मियों को अब्सोर्व किया जावे।
4. शेष रिक्त पदों पर बेरोजगार युवकों को नियुक्ति दी जावे।
5. सेवांत भुगतानों की वित्तीय व्यवस्था हेतु अल्पकालीन ऋण प्राप्त करने के अलावा सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों को नकद भुगतान के स्थान पर पीरियोडिकल बॉन्ड या जमा पर इंसेंटिव इंट्रेस्ट दिया जा सकता है।
संघ का कहना है कि प्रदेश में जब लाखों बेरोजगार पहले से मौजूद हों, आउटसोर्स एवं संविदा कर्मचारी अपने अनिश्चित भविष्य को लेकर चिंतित होकर नियमितीकरण की अपेक्षा कर रहे हों, तब अपने वेतनमान के अधिकतम स्तर पर वेतन प्राप्त, फिजिकल कमतर, अपने कैरियर का सर्वोत्तम हासिल कर चुके वृद्ध, अनिच्छुक कर्मचारियों को और आगे सेवावृद्धि देना न्यायसंगत मानवीय निर्णय नहीं होगा।