प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक नए तकनीकी युग की शुरुआत करते हुए, आज नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 5जी सेवाओं का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री मोदी ने छठी इंडिया मोबाइल कांग्रेस का भी उद्घाटन किया और इस अवसर पर आईएमसी प्रदर्शनी भी आयोजित की गई।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज का शिखर सम्मेलन भले ही वैश्विक हो, किंतु इसके प्रभाव और निर्देश स्थानीय हैं। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के तेजी से विकसित हो रहे भारत के लिए आज का दिन विशेष है। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज देश की ओर से, देश की टेलीकॉम इंडस्ट्री की ओर से, 130 करोड़ भारतवासियों को 5जी के तौर पर एक शानदार उपहार मिल रहा है। 5जी, देश के द्वार पर नए दौर की दस्तक है। 5जी अवसरों के अनंत आकाश की शुरुआत है। मैं प्रत्येक भारतवासी को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।” उन्होंने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि 5जी के इस लॉन्च और प्रौद्योगिकी की शुरुआत में, ग्रामीण क्षेत्र और कामगार समान भागीदार हैं।
5जी के शुभारंभ पर एक और संदेश पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “नया भारत, टेक्नॉलजी का सिर्फ कंज्यूमर बनकर नहीं रहेगा, बल्कि भारत उस टेक्नॉलजी के विकास में, उसके इंप्लीमेंटेशन में एक्टिव भूमिका निभाएगा। भविष्य की वायरलेस टेक्नोलॉजी को डिजाइन करने में, उससे जुड़ी मैन्युफैक्चरिंग में भारत की बड़ी भूमिका होगी।” प्रधानमंत्री ने कहा कि 2जी, 3जी, 4जी के समय भारत टेक्नॉलजी के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहा। लेकिन 5जी के साथ भारत ने नया इतिहास रच दिया है। उन्होंने कहा, “5जी के साथ भारत पहली बार टेलीकॉम टेक्नॉलजी में ग्लोबल स्टैंडर्ड तय कर रहा है।”
डिजिटल इंडिया के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “डिजिटल इंडिया की बात करते हैं तो कुछ लोग समझते हैं ये सिर्फ एक सरकारी योजना है। लेकिन डिजिटल इंडिया सिर्फ एक नाम नहीं है, ये देश के विकास का बहुत बड़ा विजन है। इस विजन का लक्ष्य है उस टेक्नोलॉजी को आम लोगों तक पहुंचाना जो लोगों के लिए काम करे, लोगों के साथ जुड़कर काम करे।” डिजिटल इंडिया के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करते हुए, प्रधानमंत्री ने विस्तार से बताया कि “हमने 4 पिलर्स पर, चार दिशाओं में एक साथ फोकस किया। पहला- डिवाइस की कीमत, दूसरा- डिजिटल कनेक्टिविटी, तीसरा – डेटा की कीमत, चौथा, और सबसे जरूरी- ‘डिजिटल फर्स्ट’ की सोच।”
पहले पिलर के बारे में पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भरता के माध्यम से ही उपकरणों की कम लागत हो सकती है। प्रधानमंत्री ने याद करते हुए कहा कि आठ साल पहले तक भारत में केवल दो मोबाइल निर्माण इकाइयां थीं। श्री मोदी ने कहा, “ये संख्या अब 200 हो गई है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में जीरो मोबाइल फोन निर्यात करने से लेकर आज हम हजारों करोड़ के मोबाइल फोन निर्यात करने वाले देश बन चुके हैं। उन्होंने कहा, “स्वाभाविक है इन सारे प्रयासों का प्रभाव डिवाइस की कीमत पर पड़ा है। अब कम कीमत पर हमें ज्यादा फीचर्स भी मिलने लगे हैं।”
डिजिटल कनेक्टिविटी के दूसरे पिलर के बारे में, प्रधानमंत्री ने कहा कि इंटरनेट उपयोगकर्ता 2014 में 6 करोड़ थे, जो अब बढ़कर 80 करोड़ हो गए हैं। 2014 में 100 से भी कम पंचायत ऑप्टिकल फाइबर से जुड़े थे किंतु अब इनकी संख्या बढ़कर 1.7 लाख पंचायतों तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा, “जैसे सरकार ने घर-घर बिजली पहुंचाने की मुहिम शुरू की। जैसे हर घर जल अभियान के जरिए हर किसी तक साफ पानी पहुंचाने के मिशन पर काम किया। जैसे उज्ज्वला योजना के जरिए गरीब से गरीब आदमी के घर में भी गैस सिलेंडर पहुंचाया। वैसे ही हमारी सरकार इंटरनेट फॉर ऑल के लक्ष्य पर काम कर रही है।”
तीसरे पिलर, डेटा की लागत के बारे में, प्रधानमंत्री ने कहा कि उद्योग को कई प्रोत्साहन दिए गए थे और 4जी जैसी तकनीकों को नीतिगत समर्थन प्राप्त हुआ था। इससे डेटा की कीमत में कमी आई और देश में डेटा क्रांति की शुरुआत हुई। उन्होंने कहा कि इन तीन पिलरों ने हर जगह अपना कई गुना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया।
चौथे स्तंभ यानी ‘डिजिटल फर्स्ट’ की सोच के बारे में प्रधानमंत्री ने उस समय को याद करते हुए कहा कि एक वक्त था जब इलीट क्लास के कुछ मुट्ठी भर लोग गरीब लोगों की क्षमता पर संदेह करते थे। उन्हें शक था कि गरीब लोग डिजिटल का मतलब भी नहीं समझ पाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें देश के सामान्य मानवी की समझ पर, उसके विवेक पर, उसके जिज्ञासु मन पर हमेशा भरोसा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने हमेशा देश के गरीबों को नई तकनीक अपनाने के लिए तैयार पाया।
डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने खुद आगे बढ़कर डिजिटल पेमेंट का रास्ता आसान बनाया। पीएम मोदी ने कहा, “सरकार ने खुद ऐप के जरिए सिटिजन सेंट्रिक डिलीवरी सर्विस को बढ़ावा दिया। बात चाहे किसानों की हो, या छोटे दुकानदारों की, हमने उन्हें ऐप के जरिए रोज की जरूरतें पूरी करने का रास्ता दिया।” उन्होंने महामारी के दौरान डीबीटी, शिक्षा, टीकाकरण और स्वास्थ्य सेवाओं और वर्क फ्रॉम होम की निर्बाध निरंतरता को याद किया, जब कई देशों को इन सेवाओं को जारी रखना मुश्किल हो रहा था।
यह कहते हुए कि डिजिटल इंडिया ने एक मंच दिया है, प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमारे छोटे व्यापारी हों, छोटे उद्यमी हों, लोकल कलाकार और कारीगर हों, डिजिटल इंडिया ने सबको मंच दिया है, बाजार दिया है। श्री मोदी ने कहा, “आज आप किसी लोकल मार्केट में या सब्जी मंडी में जाकर देखिए, रेहड़ी-पटरी वाला छोटा दुकानदार भी आपसे कहेगा, कैश नहीं ‘यूपीआई’ कर दीजिए।” प्रधानमंत्री ने कहा, “यह दिखाता है कि जब कोई सुविधा उपलब्ध होती है, तो सोच भी बढ़ जाती है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि जब सरकार साफ नीयत से काम करती है तो नागरिकों के इरादे भी बदल जाते हैं। उन्होंने कहा, “2 जी और 5 जी के इरादे (नियात) में यह महत्वपूर्ण अंतर है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में डेटा की लागत दुनिया में सबसे कम है। यह 300 रुपये प्रति जीबी से घटकर करीब 10 रुपये प्रति जीबी हो गई है। सरकार के उपभोक्ता केंद्रित प्रयासों के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार के प्रयासों से भारत में डेटा की कीमत बहुत कम बनी हुई है। प्रधानमंत्री ने बीच में कहा, “ये बात अलग है कि हमने इसका हल्ला नहीं मचाया, बड़े-बड़े विज्ञापन नहीं दिए। हमने फोकस किया कि कैसे देश के लोगों की सहूलियत बढ़े, ईज ऑफ लिविंग बढ़े।” उन्होंने कहा, “भारत को पहली तीन औद्योगिक क्रांतियों से भले ही लाभ न हुआ हो, लेकिन मुझे विश्वास है कि भारत चौथी औद्योगिक क्रांति का पूरा लाभ उठाएगा और वास्तव में इसका नेतृत्व करेगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि 5जी तकनीक का इस्तेमाल तेज इंटरनेट एक्सेस तक सीमित नहीं होगा, बल्कि यह लोगों की जिंदगी बदलने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि हम अपने जीवनकाल में प्रौद्योगिकी के वादों को साकार होते देखेंगे। पीएम मोदी ने दूरसंचार उद्योग संघ के दिग्गजों से देश के स्कूलों और कॉलेजों का दौरा करने और इस नई तकनीक के हर पहलू को उजागर करने का आग्रह किया। उन्होंने उन्हें इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के लिए स्पेयर पार्ट्स तैयार करने के लिए एमएसएमई के लिए एक सक्षम इको-सिस्टम बनाने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि देश में क्रांति लाने के लिए 5जी तकनीक का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग पर प्रकाश डाला जो कि नई शुरू की गई ड्रोन नीति के बाद संभव हुआ है। उन्होंने बताया कि कई किसानों ने ड्रोन उड़ाना सीख लिया है और खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव करने के लिए उनका उपयोग करना शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री ने सभी को आश्वासन दिया कि भविष्य का भारत आगामी प्रौद्योगिकी क्षेत्र में दुनिया का मार्गदर्शन करेगा और भारत को विश्वगुरु बनाएगा।