मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि राज्य सरकार के कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के लिए एक वर्ष पूर्व स्वास्थ्य बीमा योजना को कैबिनेट ने मंजूर की थी। इसके बाद भी योजना फाईलों से बाहर नहीं निकल पाई है। यह योजना कर्मचारी एवं उनके आश्रित परिवार के सदस्यों के गंभीर ईलाज में कारगर साबित हो सकती है।
संघ का कहना है कि सरकार ने कोरोना बीमारी के इलाज के लिए आयुष्मान योजना के तहत इलाज की व्यवस्था की है, लेकिन इसमें केवल पात्र परिवारों को ही लाभ मिल रहा है। राज्य कर्मचारी एवं पेंशनर्स एवं उनका आश्रित परिवार को इस योजना से वंचित रखा गया है। राज्य कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना लागू होने से प्रदेश के लगभग 12 लाख कर्मचारी सीधे तौर पर लाभांवित होंगे। कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने में हो रही हीलाहवाली से कर्मचारियों में भारी निराशा एवं आक्रोश व्याप्त है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, मंसूर बेग, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पांडेय, बृजेश मिश्रा, योगेन्द्र मिश्रा, आशुतोष तिवारी, डॉ संदीप नेमा, रफी अहमद, सुरेन्द्र जैन, श्रीराम झारिया, संतकुमार छीपा, देवेन्द्र प्रताप सिंह, प्रांजल नामदेव, सौरभ चौहटेल, श्यामबाबू मिश्रा, प्रमोद पासी, श्यामनारायण तिवारी, सुभसंदेश सिंगौर, प्रमोद वर्मा, मनोज सेन, नरेन्द्र शुक्ला, विनय नामदेव, धीरेन्द्र सोनी, मो. तारिक, गणेश उपाध्याय, महेश कोरी, विष्णु पाण्डे, संतोष तिवारी, राकेश दुबे, सुदेश पाण्डे आदि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की कैबिनेट से मंजूर कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना शीघ्र लागू की जाए।