एमपी में बने समान कार्य-समान वेतन की नीति: बिना वेतन लिपिक का कार्य कर रहे सैकड़ों कर्मचारी

मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया है कि कार्यभारित स्थापना के चौकीदार, मृत्य, समयपाल, वाहन चालक, वाहन हेल्पर, माली और स्थाई दल श्रमिकों से कार्यालयों में लिपिक पद के आवक-जावक के कार्य करवाए जा रहे हैं, लेकिन इन कर्मचारियों को कार्य के आधार पर लिपिक के पद का वेतन नहीं दिया जा रहा है। 

राजस्व, पीडब्ल्यूडी, हिरन जल संसाधन, लोक स्वास्थ यांत्रिकी, शिक्षा, वन, स्वास्थ, आईटीआई, पुलिस, होमगार्ड, नगर निगम, जेडीए, हाउसिंग बोर्ड के अनेक कार्यालयों में करीबन 7-8 वर्षों से बिना लाभ दिए निचले वेतनमान वाले सैकड़ों कर्मचारियों से उच्च पद का कार्य करवा कर शोषण किया जा रहा है।  

मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जबलपुर के संरक्षक योगेंद्र दुबे, जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, नरेश शुक्ला, संतोष मिश्रा, विश्वदीप पटेरिया, संजय गुजराल, रविकांत दहायत, मुकेश मरकाम, यूएस करोसिया, देव दोनेरिया, प्रदीप पटेल, धीरेंद्र सिंह, प्रशांत सोंधिया, योगेश चौधरी, एसके बांदिल, योगेंद्र मिश्रा, बरेला शिक्षा विभागीय समिति अध्यक्ष अजय दुबे, सतीश उपाध्याय, पीएल गौतम, रवि बांगड़ ने  लिपिक के पद का कार्य करने वाले समस्त कर्मचारियों को लिपिक का वेतनमान दिए जाने की मांग की है। मोर्चा पदाधिकारियों ने समान कार्य का समान वेतन देने अधिकारियों से नीति बना कर सरकार से लाभ दिलाने की कार्यवाही करने की आवश्यकता बताई है।