मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि शिक्षा कर्मी योजना के तहत वर्ष 1998 में नियुक्त अध्यापक संवर्ग जिन्हें एक ही पद पर सेवायें देते हुए 12 वर्ष की सेवा उपरांत वरिष्ठ वेतनमान, 24 वर्षों की सेवा उपरांत उन्हें वरिष्ठ वेतनमान तथा क्रमोन्नति योजना के तहत प्रथम एवं द्वितीय क्रमोन्नति की पात्रता बनती है।
किन्तु शिक्षा विभाग द्वारा 12 एवं 24 वर्ष पूर्ण हो जाने के बाद भी आज तक क्रमोन्नति का लाभ दिये जाने संबंधी प्रस्ताव संकुल प्राचार्यों से नहीं मांगे गये है, इससे ऐसा प्रतीत होता है कि शिक्षा विभाग द्वारा अध्यापक संवर्ग को क्रमोन्नति योजना के लाभ से वंचित रखना चाहता है। शासन द्वारा अध्यापकों की द्वितीय क्रमोन्नति पर कोई रोक नहीं लगाई गई है, उसके बाद भी अधिकारियों की मनमानी के चलते अध्यापक द्वितीय क्रमोन्नति के लाभ से वंचित हैं, जिससे अध्यापकों भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, योगेन्द्र मिश्रा, सुनील राय, अजय ठाकुर, नितिन अग्रवाल, मनीष चौबे, श्याम नारायण तिवारी, गगन चौबे, मनोज सेन, मनीष लोहिया, राकेश दुबे, प्रणव साहू, राकेश पाण्डे, गणेश उपाध्याय, मनीष शुक्ला, सुदेश पाण्डे, सोनल दुबे, देवदत्त शुक्ला, नितिन शर्मा, मो. तारिक, धीरेन्द्र सोनी, संतोष तिवारी, महेश कोरी, सतीश पटैल, केके प्रजापति, विजय कोष्टी, अब्दुल्ला चिश्ती आदि ने आयुक्त लोक शिक्षण मप्र भोपाल से मांग की है कि अध्यापकों को प्रथम एवं द्वितीय क्रमोन्नति योजना का लाभ दिया जावे।