Gemini Horoscope 2023: मिथुन राशि का वार्षिक राशिफल

ज्योतिषाचार्य पं अनिल कुमार पाण्डेय
प्रश्न कुंडली एवं वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ

मिथुन राशि राशि चक्र की तीसरी राशि है। मिथुन का अर्थ होता है जोड़ा अर्थात स्त्री पुरुष का जोड़ा। अंग्रेजी में इसे जैमिनी (Gemini) कहते हैं। इसका विस्तार 60 अंश से 90 अंश तक है।  मृगशिरा नक्षत्र की अंतिम दो चरण, आद्रा नक्षत्र के चारों चरण तथा पुनर्वसु नक्षत्र के पहले तीन चरण मिलकर मिथुन राशि का निर्माण करते हैं। इस राशि का स्वामी बुध है। इस राशि में राहु उच्च का और केतु नीच का होता है। इसका स्वभाव द्विस्वभाव है। मिथुन राशि की प्रवृत्ति क्रूर है। इस राशि का तत्व वायु है, गुण सात्विक है जाति शूद्र है। यह रात्रि में बलि होती है। पश्चिम दिशा की स्वामी है। यह राशि त्रिधातु प्रकृति की है। शरीर में कंधा, छाती और फेफड़े पर होने वाले सभी क्रियाओं का असर इसी राशि से देखा जाता है। यह एक शुष्क राशि है। इस राशि का रंग हरा है। इस राशि के लोग विद्या की आकांक्षा रखने वाले तथा शिल्प कला में प्रवीण होते हैं। इस राशि वालों के लिए सूर्य बाधक ग्रह होता है। सिंह राशि बाधक राशि होती है और बुध तथा शुक्र इनके लिए शुभ ग्रह होते हैं।

धन उपार्जन

वर्ष के प्रारंभ से ही आपके पास धन की आवक रहेगी। अप्रैल के महीने के उपरांत आने की गति थोड़ी तेज होगी। अप्रैल और मई तथा जुलाई और अगस्त के महीने में आपके पास काफी धन आएगा। उपाय- आपको पूरे वर्ष भर पर दिन राम रक्षा स्त्रोत और आदित्य हृदय स्त्रोत का जाप करना चाहिए।

भाग्य

वर्ष के प्रारंभ में आपको भाग्य से  मदद मिलेगी। बाद में आपके सारे कार्य परिश्रम से ही संपन्न हो पाएंगे। मार्च से आपका भाग्य कम साथ देगा। आपको अपने परिश्रम पर  विश्वास करना होगा।  इस प्रकार भाग्य के सहारे केस्थान पर आपको परिश्रम का सहारा ज्यादा लेना चाहिए। उपाय- हर शनिवार को दक्षिण मुखी हनुमान जी के मंदिर में जाकर कम से कम 3 बार हनुमान चालीसा का जाप करें।

कैरियर

कैरियर के क्षेत्र में वर्ष के प्रारंभिक काल खंड ठीक रहेगा। अगर आपके पास कोई नौकरी नहीं है तो जनवरी फरवरी और मार्च के महीने में आपको नौकरी मिल सकती है। कार्यालय में भी आप के मान सम्मान में वृद्धि होगी। आपको अतिरिक्त प्रभार मिल सकता है। कार्यालय में कुछ लोगों से आपकी शत्रुता भी हो प्रारंभ हो सकती है। उपाय- आपको चाहिए कि आप गुरुवार का व्रत करें और गुरुवार को या  प्रतिदिन राम रक्षा स्त्रोत का जाप करें।

परिवार

पूरे वर्ष भर माता और पिता जी का आशीर्वाद आप को मिलता रहेगा। पिताजी का स्वास्थ्य उत्तम रहेगा, माताजी का भी स्वास्थ्य ठीक रहेगा। नवंबर और दिसंबर के महीने में माता जी के स्वास्थ्य में खराबी आ सकती है। पिताजी का स्वास्थ्य मार्च के महीने में खराब हो सकता है। अक्टूबर तक आपका अपना भाई और बहनों से टकराव हो सकता है। नवंबर और दिसंबर के महीने में आपका अपने भाई बहनों के साथ टकराव में  कमी आएगी। अप्रैल और मई तथा अगस्त और सितंबर के महीने में आपका अपने भाइयों से उत्तम संबंध रहेगा। भाई और बहनों से आपको मार्च के बाद कम सहयोग मिलेगा। यह भी संभव है कि किसी भाई या बहन से आपकी लड़ाई भी हो जाए। अतः इस संबंध में आपको सावधान रहने की आवश्यकता है। उपाय- हर बुधवार को काले कुत्ते को रोटी खिलाना चाहिए।

स्वास्थ्य

सामान्यतया आपका और आपके जीवन साथी का स्वास्थ्य पूरे वर्ष उत्तम रहेगा। अगर आप अस्थमा के रोगी हैं तो आपका स्वास्थ्य भी अप्रैल माह से थोड़ा खराब होना प्रारंभ हो जाएगा। उपाय- कुएं के कछुए को लाइ खिलाएं।

व्यापार

आपके धन भाव में गुरु चांडाल योग बन रहा है, परंतु आपको उसके लिए घबराने की आवश्यकता नहीं है गुरु चांडाल योग के दौरान आपको धन की अच्छी प्राप्ति हो सकती है आपको छोटे-मोटे उपाय करने होंगे। गुरु चांडाल योग अप्रैल महीने से प्रारंभ होगा। इसके अलावा जून और जुलाई का महीना भी आपके व्यापार के लिए ठीक हो सकता है। उपाय- गुरु से मजबूत करने के लिए आपको पुखराज की अंगूठी विधि पूर्वक धारण करनी होगी

विवाह

मिथुन राशि के अविवाहित जातकों के विवाह संबंध के लिए अप्रैल मई-जून जुलाई और अगस्त के महीने उत्तम हैं। इसके अलावा मई के महीने में भी विवाह के सुंदर प्रस्ताव आएंगे। इस समय इन जातकों के लिए बहुत सारे वैवाहिक संबंध आएंगे उन पर विचार होगा और अगर दशा अंतर्दशा अनुकूल है तो हो ही जाएंगे। उपाय- ब्राह्मणों को पीले वस्त्र का और पुखराज की अंगूठी को धारण करें । 

मकान, कार और सुख-सुविधा के यंत्र

मकान कार और सुख सुविधा की सामग्री जैसे एयर कंडीशनर आदि  जनवरी और  फरवरी में खरीदने का संयोग बन रहा है। अगर आप इसकी प्लानिंग कर रहे हैं तो इस समय यह योजना आवश्यक रूप से पूर्ण हो जाएगी। इसके अलावा मार्च अप्रैल एवं मई 2023 में भी संयोग बन रहे हैं। उपाय- हर बुधवार को आपको गाय को हरा चारा खिलाना चाहिए।

वार्षिक उपाय

आपकी सभी तरफ से रक्षा के लिए सभी संकटों से मुक्ति करने के लिए आपको हर सोमवती अमावस्या तथा हर महीने की पहली अमावस्या को भगवान शिव का रुद्राभिषेक और गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ किसी विद्वान और योग्य ब्राह्मण से करवाना चाहिए।

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