रेडियो प्रसारण की विधाओं पर केन्द्रित पुस्तकों का विमोचन: सूर्य की किरणों के बाद रेडियो तरंगें ही पहुँचती हैं लोगों तक

पूर्व प्रसारणकर्ता गरजन सिंह वरकड़े द्वारा लिखित किताब ‘आवाज़ की दुनिया’ और विशिष्ट विभूतियों से साक्षात्कारों की संकलन पुस्तक ‘बातें और मुलाक़ातें” का विमोचन स्थानीय रानी दुर्गावती संग्रहालय कला वीथ‍िका में किया गया। विमोचन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यसभा टीवी के पूर्व एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर और फ़िल्मकार राजेश बादल थे। राजेश बादल ने कहा कि यहाँ शब्दों की जैसी गंगा बह रही है, वह संस्कारधानी में ही मुमकिन है। कार्यक्रम में रेडियो के बेहतरीन प्रसारणकर्ताओं की मौजूदगी चकित करने वाली है।

गरजन सिंह वरकड़े ने कहा कि प्रसारण की दुनिया बहुत विस्तृत है और सूर्य की किरणों के बाद लोगों तक रेडियो तरंगें ही पहुँचती हैं। आधार वक्तव्य देते हुए आकाशवाणी के पूर्व अपर महानिदेशक राजीव कुमार शुक्ल ने प्रसारण जगत की बहुत-सी महत्वपूर्ण व रोचक यादों को साझा किया। आपने अनेक उदाहरणों के साथ इस माध्यम की महत्ता को रेखांकित किया।

विशिष्ट अतिथि के रूप में शिक्षा शास्त्री, लेखक व प्रसारक डॉ अरुण कुमार एवं पूर्व सहायक निदेशक (कार्यक्रम) आकाशवाणी अनिल कुमार श्रीवास्तव मौजूद थे। अनिल कुमार श्रीवास्तव ने याद दिलाया कि गाँधी ने रेडियो को एक शक्ति के रूप में रेखांकित किया था। डॉ अरुण कुमार ने दोनों विमोचित किताबों की संक्षिप्त चर्चा करते हुए कहा कि सुधी पाठकों द्वारा ये किताबें अनिवार्य रूप से पढ़ी जानी चाहिए।

नगर के रेडियो प्रेमी इस आयोजन में भारी संख्या में उपस्थित थे। विशिष्ट श्रोताओं के रूप में ज्ञानरंजन, केके नायकर, शैली धोपे, अवधेश बाजपेयी, राजेन्द्र दानी, नवीन चौबे आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता आकाशवाणी, मध्य क्षेत्र भोपाल के पूर्व उप-महानिदेशक विमलकांत येंडे ने की तथा संचालन आकाशवाणी रायपुर के उद्घोषक परेश कुमार राव ने किया।