जागरूक अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वय कल्याण समिति ने जारी विज्ञप्ति ने बताया कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में शासकीय सेवकों के लिए जिस प्रकार 20 साल की सेवा में फुल पेंशन की पात्रता है। वह व्यवस्था मप्र में नहीं बन पाई है, जबकि मौजूदा वर्ष के फरवरी माह में शासन के कल्याण कक्ष ने जीएडी को पत्र लिखा था।
संघ सामान्य प्रशासन विभाग से मांग करता है कि उपरोक्त पत्र पर विचार कर शीघ्र कार्यवाही करें ताकि लोक सेवकों को 20 वर्ष की सेवा उपरान्त पूर्ण पेंशन का लाभ मिल सके। वर्तमान में प्रदेश में 33 साल की सेवा को आधार मानते हुए फुल पेंशन की पात्रता दी जा रही है। यदि किसी कर्मचारी की भर्ती 40 साल की उम्र में हुई है तो उसको भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। वह 20 साल की सेवा भी कर पायेगा और सेवानिवृत्त हो जायेगा।
संघ मांग करता है कि भारत सरकार के राज्यपत्र एवं अन्य प्रदेशों के द्वारा पेंशन के लिए 33 वर्ष और सेवा के स्थान पर भारत शासन के कर्मचारियों के समान 20 वर्ष पेंशन के लिए आईता सेवा के आदेश में जारी किए गये हैं। उसी प्रकार मप्र में 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर पूर्ण पेंशन की आदेश शीघ्र जारी किये जायें।
संघ के उदित सिंह भदौरिया, अवैन्द्र राजपूत, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पांडे, ब्रजेश मिश्रा, परसुराम तिवारी, गौरव शर्मा, योगेन्द्र मिश्रा, नीलेश जयसवाल, श्वेता यादव, नीलम मिश्रा, रोहित राजकुमार, दिलराज झारिया, रामकृष्ण तिवारी, सुरेश दाहिया, रितुराज गुप्ता, अमित गौतम, मो. तारीक, धीरेन्द्र सोनी, संतोष तिवारी, सतेन्द्र ठाकुर आदि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को ईमेल कर मांग की है, 20 वर्ष की सेवा उपरान्त पूर्ण पेंशन का आदेश शीघ्र जारी किया जावे ।