जबलपुर में शिक्षा विभाग द्वारा बिना अनुमति कराई गई साइकिलिंग प्रतियोगिता, चार घंटे अवरुद्ध रहा राष्ट्रीय राजमार्ग

जबलपुर में शिक्षा विभाग द्वारा एनएचएआई से बिना अनुमति लिए एकता चौक से मंगेली चौराहे तक चार घंटा मार्ग बंद करना सड़क पर अवैध कब्जा करने की जैसी कार्यवाही है। राष्ट्रीय राजमार्ग में बिना अनुमति साइकिलिंग प्रतियोगिता का आयोजन कराना पूरी तरह से गलत और गैरकानूनी है।

इस संबंध में मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग, एएचएनआई के अधिकारियों से जानकारी ली तब पता चला कि बिना किसी अनुमति के किसी भी राष्ट्रीय राजमार्ग में अवरोध पैदा करना गैरकानूनी है। मार्ग में अत्यावश्यक वाहनों को रोकना एवं मार्ग में आवागमन को बाधित करना पूरी तरह गैरकानूनी है। शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा यह कहा जाना कि पूर्व में भी इस तरह के राष्ट्रीय राजमार्गों को रोक करके उसमें प्रतियोगिताएं कराई गई हैं। इसकी भी जांच होना चाहिए कि बिना किसी अनुमति के कब मार्ग बंद कर आयोजन कराए गए है, राष्ट्रीय राजमार्ग  में इस प्रकार का आयोजन पूरी तरह से गलत है।

मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संरक्षक योगेंद्र दुबे ने, शिक्षा विभाग के जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा यह स्वीकार करना कि बिना अनुमति के राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद करके प्रतियोगिता कराई कराई गई है, इसकी कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने यह भी बताया है कि बिना किसी अनुमति के किसी भी अधिकारी द्वारा इस प्रकार की कार्य करना और गलती को स्वीकार न करना पूरी तरह से  निंदनीय कृत्य है।

प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जबलपुर के संरक्षक योगेंद्र दुबे, जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, विश्वदीप पटेरिया, नरेश शुक्ला, संजय गुजराल, संतोष मिश्रा, प्रशांत सोंधिया, योगेश चौधरी, रविकांत दहायत, मुकेश मरकाम, देव दोनेरिया, प्रदीप पटेल, धीरेंद्र सिंह, योगेंद्र मिश्रा, योगेंद्र मिश्रा, अजय दुबे, नरेंद्र सैन, सुरेंद्र जैन, संदीप नेमा, ब्रजेश मिश्रा, रवि बांगड़, अर्जुन सोमवंशी, पीएल गोतम ने राष्ट्रीय राजमार्ग में चार घंटे तक अवरोध पैदा करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की है। साथ ही आवश्यक वाहनों को रोकने से किसी अप्रिय घटना ना हुई हो इसकी भी जांच आवश्यक है। एंबुलेंस, मरीजों के वाहन, गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने में किसी प्रकार की अनहोनी ना हुई हो इसकी भी जांच होना आवश्यक है।