पंकज स्वामी
शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल के लिए ताजमहल बनवाया था, वहीं जबलपुर के अकरम मियां ने अपनी पत्नी को खुश करने के लिए ताजमहल तो नहीं बनाया लेकिन अपनी बजाज स्कूटर को सज़ा कर सुंदर बनाते हुए रत्नों से जड़ दिया। उनकी बजाज स्कूटर MP20KC 3852 जब जबलपुर की सड़कों पर दौड़ती है तो लोग उसको अचरज से देखते रह जाते हैं। लोगों के अचरज करने का कारण स्कूटर में जड़े रत्न तो हैं ही उसके हेंडल में फोर व्हीलर के समान लगी हुई स्क्रीन, गानों की आवाज़ और स्कूटर के पिछले हिस्से में लगा हुआ कैमरा आकर्षित करता है। अकरम मियां स्कूटर की स्क्रीन में पीछे लाइट के ऊपर लगे हुए गुप्त कैमरे से अपनी स्क्रीन में लोगों को देखते रहते हैं।
अकरम मियां की कहानी दिलचस्प है। वे बुलेट मोटर साइकिल के बेहतरीन मेकेनिक हैं, लेकिन चलते बजाज स्कूटर पर हैं। उनकी बुलेट रिपेयरिंग की दुकान कांचघर से सतपुला मार्ग पर है। जबलपुर के केंट क्षेत्र के यादगार स्मारक के नजदीक रहने वाले अकरम मियां को तीन दिल के दौरे आ चुके हैं। आखिरी दौरा जब आया तो जबलपुर के अधिकांश अस्पतालों ने हाथ खड़े कर दिए थे। एक अस्पताल के डाक्टरों ने प्रयास किए तो वे बच गए। उसी समय कोरोना के चंगुल में पूरा संसार आ गया। उस समय अकरम मियां घर में बैठे थे। बीवी उलाहना देती रहती कि क्या बजाज स्कूटर में घुमाते हो, कोई नई गाड़ी ले लो। अकरम मियां ने बैठे स्कूटर को नया लुक देने की ठान ली। पूरे स्कूटर को रत्नों से जड़ सुंदर रूप दे दिया। मेकेनिक आदमी हैं तो तकनीक का उपयोग करते हुए हेंडल पर एक स्क्रीन लगाई। पेन ड्राइव के लिए जगह बनाई। स्कूटर चलाते हुए गाने सुनते हुए चलते हैं। पीछे की लाइट में एक कैमरा फिट किया, जिसका उपयोग वे स्क्रीन की मदद से पीछे की ओर चलने वाले को देखने के लिए करते हैं। स्कूटर में साउंड की व्यवस्था की गई। स्कूटर खड़ी कर के या चलते हुए मधुर गीतों का मज़ा लिया जा सकता है।
अकरम मियां के प्रयासों की उनकी बीवी ने तारीफ़ की और कहा कि शाहजहां ने ताजमहल बनवाया लेकिन तुमने तो उससे बढ़ कर मुझे तोहफा दे दिया। अकरम मियां की बीवी स्कूटर में घूम कर खुश हुईं। अकरम मियां ने इसे खुदा की नियामत बताया। इस स्कूटर से अकरम मियां दो बार अजमेर जा कर ज़ियारत कर आए हैं।