एमपी के बिजली कार्मिक 6 जनवरी से नहीं करेंगे कोई काम, न फाल्ट सुधरेगा और न ही मेंटेनेंस होगा

मध्य प्रदेश के बिजली कर्मचारियों द्वारा अपनी मांगों को लेकर प्रदेश सरकार और विद्युत कंपनियों के प्रबंधन को अनेक मध्यम से कई बार अवगत कराया जा चुका है। इसी तारतम्य में मप्रविमं तकनीकी कर्मचारी संघ द्वारा तीन सूत्रीय मांगो को लेकर 2 अक्टूबर 2022 से शुरू हुआ आंदोलन विद्युत विभाग के 4 संगठनों के समर्थन के साथ सुनिश्चित हो गया है। मप्रविमं तकनीकी कर्मचारी संघ द्वारा चलाए गए आंदोलनात्मक अभियान में विद्युत कंपनियों के अन्य संगठन मप्र यूनाईटेड फॉर एम्पलाईज इंजीनियरर्स के प्रांतीय संयोजक व्हीकेएस परिहार, मप्र विद्युत अधिकारी कर्मचारी कल्याण संघ के प्रांतीय अध्यक्ष अरूण ठाकुर, म.प्र बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष मनोज भार्गव एवं मप्र बाह्य स्त्रोत कर्मचारी संगठन के शिव राजपूत 6 जनवरी से जेल भरो आंदोलन में शामिल होंगे।

मप्रविमं तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश की बिजली कंपनियों के अधिकारी एवं कर्मचारी अति आवश्यक सेवाओं को छोड़कर पूर्णतः कामबंद हड़ताल पर रहेंगे। उन्होंने बताया कि बिजली कर्मी अपनी तीन प्रमुख मांगों के समर्थन में 6 जनवरी 2023 को एक दिन का जेल भरो आंदोलन एवं 7 जनवरी से प्रदेश के सभी जिलों में अधीक्षण अभियंता कार्यालय के समक्ष पंडाल लगाकर अनिश्चितकालीन धरना देंगे। 

हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि बिजली कर्मचारियों की मुख्य मांगे हैं- आउटसोर्स कर्मी एवं मीटर रीडर का विद्युत मंडल की कंपनियों में संविलियन कर उनके लिए मानव संसाधन नीति बनाई जाए, वर्ष 2012 के पूर्व एवं वर्तमान में सेवाकाल के दौरान मृत कर्मी के आश्रित को बिना शर्त अनुकम्पा नियुक्ति दी जाये और 20 लाख का बीमा एवं कैशलेस उपचार की सुविधा दी जाए। भारतीय जनता पार्टी के चुनावी जन संकल्प पत्र 2013 के अनुसार विद्युत संविदा अधिकारियों एवं कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जावे। नियमित कर्मचारी का रोका गया फिंज बेनीफिट दिया जावे। 

उन्होंने कहा कि उनकी मांगों पर आज तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है, न ही संघ प्रतिनिधि मंडल को बुलाकर कोई चर्चा की गई है। संघ मजबूर होकर आंदोलन करने के लिए बाध्य हो रहा है। अनिश्चितकालीन कामबंद धरना प्रदर्शन के दौरान अतिआवश्यक सेवाओं जैसे- हॉस्पिटल आदि को छोड़कर कोई काम नहीं होगा, इस दौरान न फाल्ट सुधरेगा और न मेंटेनेंस होगा। 6 जनवरी 2023 को एक दिन का जेल भरो आंदोलन एवं 7 जनवरी से अनिश्चितकालीन धरना हर जिले के अधीक्षण अभियंता के समक्ष पंडाल लगाकर धरना दिया जावेगा। जबलपुर में शक्ति भवन के समक्ष बैरयिर अनिश्चितकालीन धरना दिया जावेगा।

संघ के शंभूनाथ सिंह, हरेंद्र श्रीवास्तव, केएन लोखंडे, सतीश तिवारी, सतीश साहू, लोकेन्द्र श्रीवास्तव, दुर्गेश दुबे, नितिन गावंडे, सुदीप मेहतो, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, अरूण मालवीय, सुरेन्द्र मेश्राम, विनोद दास, आजाद सकवार, राहुल मालवीय, राजेश सरन, मदन पटेल, दशरथ शर्मा, लखन सिंह राजपूत, राजेश यादव, इंद्रपाल सिंह, जगदीश मेहरा, हेमंत पांचे, प्रीतम सेन, शिव राजपूत, पुरूषोत्तम पटेल, सागर पटेल, शीतल चौधरी, सावन सिंह पटेल, संजीव अहिरवार, तेजपाल सिंह तोमर, राहुल सिंह परिहार आदि ने आंदोलन में शामिल होने की अपील की है।