एयरो इंडिया 2023 का द्विवार्षिक कार्यक्रम 13 से 17 फरवरी 2023 से बेंगलुरु के येलहंका वायु सेना स्टेशन में आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से रक्षा उद्योग को अपने नवीनतम उपकरण, हेलीकॉप्टर और विमान प्रदर्शित करने के लिए एक मंच उपलब्ध कराया जाता है। इस आयोजन से रक्षा कर्मियों को मूल उपकरण निर्माताओं के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श करने और सशस्त्र बलों में भविष्य में शामिल होने के लिए परिकल्पित उत्पादों का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने का अवसर भी प्राप्त होता है।
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रक्षा उपकरण उत्पादन में ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने के राष्ट्र के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के अनुसरण में भारतीय नौसेना ने हाल ही में स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर स्वदेशी प्रौद्योगिकी प्रदर्शक एयरक्राफ्ट (ट्विन इंजन डेक आधारित लड़ाकू के लिए नेतृत्व) हल्का लड़ाकू विमान (नौसेना) उतारा है। विमान को भारतीय नौसैनिक परीक्षण पायलट द्वारा उड़ाया गया था। यह महत्वपूर्ण क्षमता भारतीय नौसेना की आत्मनिर्भर भारत की दीर्घकालिक दृष्टि का ही परिणाम है।
एयरो इंडिया 2023 के दौरान भारतीय नौसेना कई गतिविधियों में भाग ले रही है। इस आयोजन के दौरान स्वदेशी विमान उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर एमके III और एमआर विमान पी8आई क्रमशः फ्लाई पास्ट तथा स्टैटिक डिस्प्ले में भाग लेंगे। आत्मनिर्भरता पर विशेष बल दिये जाने को ध्यान में रखते हुए मिग 29के विमान के इंजनों की मरम्मत करने हेतु एक संदर्भ दस्तावेज के रूप में उपयोग के लिए एचएएल द्वारा संकलित एक अनुकूलित ग्राफिक फोटो-वर्णन एचएएल के मुख्य प्रबंध निदेशक द्वारा नौसेनाध्यक्ष को प्रस्तुत किया जाएगा।
इसके अलावा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करते हुए मिग 29के विमान के हेल्थ यूजेस एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (एचयूएमएस) के विश्लेषण की एक परियोजना को डीआरडीओ द्वारा ‘लॉन्च ऑफ न्यू टेक्नोलॉजी’ के हिस्से के रूप में शामिल किया गया है। यह डाटा विश्लेषण के समय को काफी कम कर देगा और इसके परिणामस्वरूप विमान से सामान उतारने तथा लादने की प्रक्रिया तेजी से होगी और निवारक रखरखाव हेतु बेहतर प्रक्रिया साबित होगी। कार्यक्रमों की श्रृंखला में डीडीपी के सहयोग से भारतीय नौसेना द्वारा ‘एयरो आर्मामेंट सस्टेनेंस में आत्मनिर्भरता’ विषय पर एक सेमिनार भी आयोजित किया जा रहा है। सेमिनार रक्षा मंत्रालय, उपयोगकर्ताओं, अनुरक्षकों, क्यूए एजेंसियों, डीआरडीओ, डीपीएसयू और भारतीय उद्योग के प्रमुख हितधारकों को सशस्त्र बलों के पास मौजूद मिसाइलों के रखरखाव के लिए सरकार की पहल और आगे की राह पर विस्तृत चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
शिक्षा जगत और उद्योग जगत के साथ लगातार जुड़ाव, आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए भारतीय नौसेना के प्रयासों का फोकस क्षेत्र रहा है। इसके लिए ज्ञान एवं संसाधन साझा करने के लिए विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों तथा प्रमुख उद्योग भागीदारों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। एयरो इंडिया 2023 के दौरान, दो प्रमुख भागीदारों अर्थात इसरो और मैसर्स एवी ऑयल को ‘बंधन’ कार्यक्रम के हिस्से के रूप में समझौता ज्ञापनों के माध्यम से जोड़ा जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में विस्तार एवं परिमाण में वृद्धि करने के बाद एयरो इंडिया नौसेना विमानन के विकास तथा सशक्तिकरण व देश के रक्षा बलों की आत्मनिर्भरता बढ़ाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।