मध्यप्रदेश के सरकार ने जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के मैकेनिकल और सिविल ब्रांच में हिंदी में पढ़ाई शुरू हो चुकी है, लेकिन दूसरी ओर शासन स्तर पर अनेक विभागों में जो कार्य कराए जा रहे हैं, उन्हें हिंदी में न कराते हुए अफसर कर्मचारियों के सामने अंग्रेजी झाड़ रहे हैं।
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जबलपुर संरक्षक योगेंद्र दुबे एवं जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रदेश के शासकीय तकनीकी संस्थानों में तकनीकी शिक्षा विभाग सत्र 2022-23 से प्रदेश के 11 शिक्षण संस्थानों पर बी-टेक और डिप्लोमा पाठ्यक्रम में हिंदी भाषा में पढ़ाई की जाएगी।
वहीं दूसरी ओर अभी तक इस संबंध में कोई भी आदेश जारी नहीं किए गए हैं कि शासकीय कार्यालयों में जो कार्य अंग्रेजी में करवाए जा रहे थे, वह कार्य हिंदी में किए जाएं। इस लिए टेंडर, सूचना, हाजरी रजिस्टर, आम जानकारियां, कार्यादेश आदि अधिकतर कार्य आज भी अंग्रेजी में किए जा रहे है। कार्यालयों में सारे दस्तावेज अंग्रेजी में ही उपलब्ध हैं।
शासन के आदेश के तहत यदि पढ़ाई हिंदी में किए जाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं, तो दस्तावेजों को भी हिंदी में किया जाना चाहिए। लेकिन शासन द्वारा दस्तावेजों को हिंदी में किए जाने के कोई भी आदेश जारी नहीं किए गए हैं, अंग्रेजी के जो दस्तावेज कार्यालयों में उपलब्ध हैं विकल्प के तौर पर उन्हें भी रखा जा सकता है। हिंदी पढ़ने वाले बच्चे भी काम अंग्रेजी में ही करेंगे, फिर क्या होगा।
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय, देव दोनेरिया, मुकेश चतुर्वेदी, दुर्गेश पाण्डे, अर्जुन सोमवंशी, एके प्यासी, रवि बांगड़,योगेंद्र मिश्रा,शहजाद सिंह द्विवेदी, राकेश उपाध्याय, नेतराम झारिया, वैद्यनाथ अय्यर, विपिन पिपरे,
केजी पाठक, संजय पटैल, सतीस उपाध्याय, अजय दुबे ने शासन के आदेश के अनुसार शासकीय विभागों के समस्त कार्य हिंदी में किए जाने की मांग की है।