अपने हक की लड़ाई लडऩे वाले बिजली कंपनियों के आउटसोर्स कर्मियों की मांगे मानना तो दूर, इसके उलट बिजली प्रबंधन ने इन कर्मियों को नौकरी से ही पृथक कर दिया। नौकरी से पृथक किए गए आउटसोर्स कर्मियों को वापस नौकरी में लिए जाने का आश्वासन मिलने के बाद अब वे वापसी की राह देख रहे हैं, लेकिन बिजली कंपनी प्रबंधन का रुख देखकर तो यही लगता है कि कभी बिजली कंपनी के लिए अपनी जान जोखिम में डालने वाले इन कर्मियों को भुला दिया गया है।
इस बीच मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष शंभू नाथ सिंह एवं प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव द्वारा प्रमुख सचिव ऊर्जा को पत्र लिखकर मांग की गई है कि तकनीकी कर्मचारी संघ के द्वारा 29 अगस्त 2022 से 20 जनवरी 2023 तक पूरे 145 दिनों तक मुख्यमंत्री, ऊर्जा मंत्री, श्रम मंत्री, सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधियों एवं विद्युत कंपनियों के सभी प्रबंध संचालको,ं प्रशासनिक अधिकारियों एवं श्रम आयुक्त, सहायक श्रम आयुक्त को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि 45 हजार विद्युत आउटसोर्स, संविदा एवं नियमित कर्मचारी 6 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
इसके बाद 5 जनवरी 2023 को प्रमुख सचिव ऊर्जा के द्वारा संघ प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर बैठक आयोजित की गई, जिसमें इंदौर में हो रहे इन्वेस्टर्स मीट को देखते हुए 15 दिनों के लिए हड़ताल को स्थगित करने का अनुरोध किया गया. जिसके बाद संघ पदाधिकारियों ने प्रमुख सचिव के अनुरोध को स्वीकार कर लिया और बैठक में यह सहमति बनी थी कि बिजली कर्मियों की तीन सूत्रीय मांग मुख्यमंत्री के समक्ष रखकर निराकरण करा लिया जावेगा, किंतु तय 15 दिनों की समयावधि की समाप्ति से पहले प्रमुख सचिव ऊर्जा के द्वारा संघ प्रतिनिधियों को 3 सूत्रीय मांगों पर चर्चा के लिए आमंत्रित नहीं किया गया।
उसके बाद सभी सहयोगी संघों के द्वारा निर्णय लेकर 21 जनवरी 2023 से संपूर्ण मध्य प्रदेश के 52 जिलों में हड़ताल शुरू कर दी गई। फिर 24 जनवरी 2023 को प्रमुख सचिव ऊर्जा के द्वारा संघ प्रतिनिधियों को वल्लभ भवन मंत्रालय भोपाल में आमंत्रित किया गया और तीन सूत्रीय मांगों पर विस्तार से चर्चा कर 25 जनवरी से हड़ताल को समाप्त कर दिया गया। लेकिन बिजली कंपनियों के प्रबंधन ने इस दौरान लगभग एक हजार आउटसोर्स कर्मियों को नौकरी से पृथक कर दिया, जो आज दाने-दाने को मोहताज हो रहे हैं और अपने बीमार माता-पिता और मासूम बच्चों के भरण-पोषण को लेकर तनाव में हैं।
वहीं 14 फरवरी 2023 को वल्लभ भवन मंत्रालय भोपाल में प्रमुख सचिव ऊर्जा के द्वारा संघ प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक कर तीन मांगों पर विस्तार से चर्चा की गई। जिसमें संघ द्वारा प्रमुख सचिव ऊर्जा से निवेदन किया गया है कि आउट सोर्स के 1 हजार से ज्यादा कर्मियों को ब्लैक लिस्टेड कर बर्खास्त कर दिया गया है, उन्हें वापस कार्य पर रखा जावे और संविदा कर्मियों एवं अधिकारियों का अनुबंध बढ़ाया जावे। उनका कहना था कि उस पर कार्यवाही चल रही है, लेकिन अभी तक कोई निर्णय सामने नहीं आया है।
संघ के रामसमुझ यादव, रामकेवल यादव, रतिपाल यादव, असलम खान, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, हिरेंद्र रोहिताश, विनोद दास, राजेश यादव, प्रकाश काछी आदि ने प्रमुख सचिव से मांग की है कि आउट सोर्स कर्मियों को पुन: नौकरी पर रखा जावे और संविदा कर्मचारियों एवं अधिकारियों का अनुबंध बढ़ाया जाए।