मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के शिक्षक-अध्यापक प्रकोष्ट के प्रांताध्यक्ष मुकेश सिंह ने जारी विज्ञप्ति में बताया की मध्यप्रदेश शासन द्वारा विगत 20 वर्षो से चलाई जा रही दोहरी लाल फीताशाही से शिक्षक परेशान हैं। शासन द्वारा राज्य शिक्षा केन्द्र, जिला शिक्षा केन्द्र, जनपद शिक्षा केन्द्र के माध्यम से प्रदेश के हजारों शिक्षक, व्याख्याता, हाईस्कूल प्राचार्य एवं हायर सेकेण्डरी प्राचायों को शिक्षा की मुख्यधारा से दूर कर जनशिक्षक, बीएसी, एपीसी, बीआरसी एवं डीपीसी जैसे सैकड़ों पदों पर हजारों लोगों को प्रतिनियुक्ति पर रखकर शिक्षा विभाग की व्यवस्थायें चरमरा दी गई हैं।
जहां एक ओर शालाओं में शिक्षकों की कमी है, वहीं हजारों लोगों को प्रतिनियुक्ति पर लेकर शिक्षा की गुणवत्ता को खराब किया जा रहा है। शासन द्वारा चलाई जा रही दोहरी प्रणाली से जहां एक और करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं, लेकिन इसका लाभ छात्रों को नहीं मिल पा रहा है। आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र एवं आयुक्त लोक शिक्षण का आपसी समन्वय न होने के कारण दोनों विभागों द्वारा पृथक-पृथक आदेश जारी किये जाते हैं, जिससे शिक्षक अनावश्यक ही परेशान होते हैं।
संघ के मुकेश सिंह, सुनील राय, मनोज सेन, मनीष चौबे, योगेन्द्र मिश्रा, प्रणव साहू, अभिषेक मिश्रा, सोनल दुबे, देवदत्त शुक्ला, विनम नामदेव, प्रियांशु शुक्ला पवन ताम्रकार, नितिन शर्मा, श्यामनारायण तिवारी, गणेश उपाध्याय, सतीश वडार, महेश कोरी, शुभसंदेश सिंगौर, अनुज दीक्षित, राकेश उपाध्याय, जेपी गुप्ता, राकेश पाण्डे, आदित्य दीक्षित, संतोष तिवारी, रमेश परोहा, अनुराग मिश्रा संतकुमार कावेरिया, विष्णु पाण्डे, अनिल मरावी, हल्के यादव, कन्हैया पटैल, राजू यादव आदि ने प्रदेश स्कूल शिक्षा मंत्री से मांग की है कि शिक्षा विभाग में दोहरी व्यवस्था को समाप्त करते हुए कक्षा 1 से 12 तक एकल व्यवस्था प्रणाली लागू की जाये।