मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में क्रियान्वित की जा रही योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रभावशीलता के अध्ययन के लिए एक केंद्र विकसित किया जाए। प्रभावशीलता के व्यवहारिक आकलन के लिए विश्वविद्यालयों और विकास संस्थान के विशेषज्ञों को जोड़ा जाए। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना के आलोक में मध्यप्रदेश में कारीगरों के उन्नयन और कौशल विकास के लिए रोड मेप तैयार होना चाहिए।
सीएम चौहान ने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में लोग मत्स्य-पालन पर निर्भर हैं। अत: मध्यप्रदेश मत्स्य नीति और मत्स्य गतिविधियों पर पीपीपी मोड में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस विकसित करने संबंधी कार्य समय-सीमा में पूर्ण किया जाए। प्रदेश में जन सेवा मित्र बेहतर कार्य कर रहे हैं। इनकी गतिविधियों का विस्तार किया जाए। सीएम चौहान ने अन्य राज्यों की बेस्ट प्रेक्टिसेस को मध्यप्रदेश की परिस्थितियों और आवश्यकताओं के अनुसार चिन्हित कर उन्हें लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में जो योजनाएँ और कार्यक्रम लोगों की जिंदगी बदलने में प्रभावी रहे हैं, उनका अध्ययन कर प्रदेश में उनके क्रियान्वयन की संभावनाओं पर विचार किया जाना चाहिए। मध्यप्रदेश की प्रगति पर केंद्रित पुस्तिका का प्रकाशन भी किया जाए, इससे पिछले दशकों में प्रदेश के सामाजिक, आर्थिक क्षेत्र और अधो-संरचना में आए बदलाव की तथ्यात्मक जानकारी प्रदेशवासियों को मिल सकेगी।
प्रदेश के आकांक्षी जिलों में हुए बेहतर कार्य को देखते हुए नीति आयोग द्वारा लगभग 71 करोड़ से अधिक की राशि राज्य सरकार को प्रदान की गई है। इसमें छतरपुर को सर्वाधिक 14 करोड़ 70 लाख रूपए प्राप्त हुए हैं। नीति आयोग द्वारा प्रदेश के आकांक्षी विकासखण्ड मॉडल का भी अध्ययन कराया गया है। प्रदेश में डाटा क्षेत्र में सुधार के लिए गतिविधियाँ जारी हैं। जर्मनी और आयरलैंड में नर्सिंग क्षेत्र में अपार संभावनाओं को देखते हुए रोजगार के लिये अंतर्राष्ट्रीय कनेक्ट के अंतर्गत राज्य नीति आयोग, संबंधित देशों के दूतावासों के सम्पर्क में है। बैठक में राज्य नीति आयोग से संबंधित विभिन्न प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा हुई और अनुमोदन दिया गया।