कृषक संगोष्ठी में मुख्य वक्ता जबलपुर जिले के अधीक्षक भू-अभिलेख ललित ग्वालवंशी ने किसानों को स्वयं गिरदावरी करने के महत्व तथा विधियों की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि गिरदावरी का कार्य वर्ष में तीन बार खरीफ, रबी एवं जायद की फसलों में किया जाता है, इस हेतु डिजिटल फसल सर्वेक्षण योजना प्रारंभ की गई है, जिसका उपयोग किसान फसल बीमा, ई उपार्जन, किसान क्रेडिट कार्ड तथा फसल आधारित योजनाओं में करते है।
उन्होंने कहा कि एमपी किसान एप के माध्यम से जियो फेंसिंग पार्सल लेवल पर किसान स्वयं अपनी गिरदावरी कर सकते है। इसकी विधियों पर विस्तार से जानकारी देते हुए उन्होंने जानकारी दी कि 10 सितंबर तक सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा। सत्यापन 15 सितंबर, किसान द्वारा आपत्ति 20 सितंबर तक तथा आपत्तियों का निराकरण 23 सितंबर तक कर जांच का अंतिम अनुमोदन 5 अक्टूबर तक कर दिया जाएगा।
गूगल मीट ऑनलाइन माध्यम से आयोजित बैठक में राजस्व से जुड़ी समस्याओं नामांतरण, सीमांकन, बटांक, आपसी बटवारा, फौती आदि तथा पटवारियों से संबंधित समस्यायों पर किसानो को निराकरण हेतु मार्गदर्शन दिया गया तथा निर्णय लिया गया कि किसानों की समस्यायों के निराकरण के लिए तहसील स्तर पर शिविर तथा भू-अभिलेख कार्यालय में प्रति माह जिला स्तरीय बैठक में समीक्षा तथा समस्यायों के त्वरित निराकरण के प्रयास किए जाएंगे।
भारत कृषक समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष केके अग्रवाल ने बैठक में राजस्व के प्रकरणों के तहसील स्तर पर निपटारे में व्याप्त भ्रष्टाचार तथा निपटारे में देरी पर चिंता व्यक्त करते हुए इसकी प्रक्रिया को सरल एवम पारदर्शी बनाने की अपील की। केके अग्रवाल ने किसानों से अपनी समस्याएं 2 प्रतियों में लिखित में गंगोत्री अपार्टमेंट, गोलबाजार स्थित किसान कार्यालय में 13 अगस्त तक जमा करने कहा ताकि उन पर आगामी जिला स्तरीय बैठक में निराकरण के प्रयास किए जा सकें। बैठक का संचालन किसान सेवा सेना के डॉ ब्रजेश अरजरिया एवं जितेंद्र देसी तथा आभार प्रदर्शन डॉ आरएम पटेल द्वारा किया गया। बैठक में जिले के सैकड़ों किसानों ने भाग लिया।