मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग में लगभग दो दर्जन से अधिक लिपिक एवं भृत्य संवर्ग के लोक सेवकों का मनमाने ढंग से प्रशासनिक स्थानांतरण कर दिया गया है। उक्त प्रशासनिक स्थानांतरण में विभाग द्वारा कोई निर्धारित मापदण्ड तय नहीं किये गये जिनके स्थानांतरण किये गये है व कार्यालयों में पदांकन दिनांक से कनिष्ठ हैं तथा उनके विरूद्ध कोई ऐसी गंभीर शिकायतें भी नहीं है, फिर भी इन कर्मचारियों के प्रशासनिक स्थानांतरण किया जाना समझ से परे है।
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के संरक्षक योगेन्द्र दुबे ने बताया कि वहीं विभाग में कुछ ऐसे लिपिक हैं जो दशकों से एक कार्यालय के मलाईदार विभाग में कार्यरत है। ऐसे लिपिकों के प्रशासनिक स्थानांतरण नहीं किया जाना विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार के रैकेट को प्रकट करता है।