एमपी के ढाई लाख आउटसोर्स कर्मियों के न्यूनतम वेतन में 1 अक्टूबर से बढ़ोत्तरी के आसार

मध्य प्रदेश में विगत कई सालों से न्यूनतम वेतन बढ़ोत्तरी को लेकर आन्दोलनरत विभिन्न विभागों, उपक्रमों, निगम, मण्डल, बोर्ड व बिजली कम्पनियों में कार्यरत प्रदेश के करीब ढाई लाख आउटसोर्स कर्मियों का आन्दोलन सफलता के शुरूआती मुकाम तक पहुँचने वाला है। मप्र के आउटसोर्स कर्मियों का मिनिमम वेजेस आगामी 1 अक्टूबर, 2023 से बढ़ाये जाने के आसार हैं । इस संबंध में श्रमायुक्त कार्यालय से माह सितम्बर, 2023 में आदेश जारी होने की संभावना है। 

मप्र ऑल डिपार्टमेंट संयुक्त संघर्ष मोर्चा के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव ने इन्दौर में उपश्रमायुक्त से हुई चर्चा के बाद बताया कि मप्र के ढाई लाख आउटसोर्स कर्मियों का मिनिमम वेजेस बढ़ाये जाने के मामले में श्रम विभाग व आउटसोर्स संगठन के बीच गतिरोध इस बात को लेकर है कि बढ़ती महँगाई में इन ठेका कर्मियों के वेतन में आंशिक नाम मात्र की वृद्धि नहीं की जाये।

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के आउटसोर्स व डेली वेजेस कर्मचारी चाहते हैं कि जिस प्रकार 1 जनवरी, 2016 से प्रदेश के सभी विभागों व उपक्रमों के सभी श्रेणी के कर्मचारियों को केन्द्र सरकार के कर्मियों के समान सातवाँ वेतनमान मिला, ठीक उसी प्रकार आगामी 1 अक्टूबर, 2023 से केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों के बराबर ज्यों का त्यों मिनिमम लीविंग वेजेस सभी ढाई लाख आउटसोर्स कर्मियों को वरिष्ठता के आधार पर देने के आदेश जारी होना चाहिए, क्योंकि केन्द्र की तुलना में प्रदेश के आउटसोर्स कर्मी उनसे आधा वेतन पा रहे हैं।

मनोज भार्गव का कहना है कि पिछली बार मध्य प्रदेश में ऑल इण्डिया कंज्यूमर प्राईज़ इंडेक्स की दरों के आधार पर 10 जून, 2016 को जो मिनिमम वेजेस बढ़ा, वह 5 वर्ष पश्चात् नहीं बढ़कर करीब 10 वर्ष बाद बढ़ा, इससे आउटसोर्स कर्मियों को 5 वर्ष के एरियर की आर्थिक क्षति हुई। इसी तरह इस बार भी 5 वर्ष बाद 10 जून, 2021 को न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 की धारा 3 के तहत् मध्य प्रदेश में मिनिमम वेजेस रिवाईज़ होना था, परन्तु यह 10 जून, 2023 यानि 2 वर्ष बीतने पर भी अब तक  रिवाईज़ नहीं हुआ है।

इस तरह मध्य प्रदेश के आउटसोर्स कर्मी केन्द्र की तुलना में करीब 7 वर्ष के एरियर से वंचित रहे हैं। इसकी भरपाई तभी होगी, जब मध्य प्रदेश में वर्तमान में प्रचलित मिनिमम वेजेस की दर को दोगुनी कर उसे केन्द्र सरकार की दरों के बराबर किये जाने के आदेश मध्य प्रदेश श्रमायुक्त कार्यालय जारी करें।