एमपी सरकार के आदेश पर हावी अफसरशाही, छह माह से वेतन से वंचित कर्मचारी

मध्य प्रदेश सरकार के स्पष्ट आदेश हैं कि कर्मचारियों को नियत तिथि तक वेतन का भुगतान कर दिया जाए, लेकिन प्रदेश के अधिकारियों की हठधर्मिता के चलते कर्मचारी कई महीने बिना वेतन के गुजर-बसर करने के लिए मजबूर हैं। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि दिव्यांग पुर्नवास केन्द्र जबलपुर में कार्यरत कर्मचारियों को विगत छह माह से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है, दिव्यांगजनों को दुलारने वाले, उनका ख्याल रखने वाले और पग-पग पर उनका साथ देने वाले कर्मचारी माह फरवरी 2023 से बिना वेतन के कार्य करने मजबूर हैं।

संघ ने बताया कि वेतन के अभाव में कर्मचारी एवं उनका परिवार भारी आर्थिक संकट से जूझ रहा है। कर्मचारियों के बच्चों की स्कूल, कालेज की फीस जमा नहीं हो पा रही है। बैंक लोन, बिजली बिल आदि का भुगतान करने हेतु मजबूरन कर्मचारी साहूकारों से मोटी ब्याजदर पर पैसा ले रहे हैं। संघ द्वारा जबलपुर कलेक्टर के नाम का ज्ञापन तहसीलदार श्रीमती नीलिमा राजलवाल को सौंपकर दिव्यांग पुर्नवास केन्द्र जबलपुर में कार्यरत कर्मचारियों का विगत 6 माह के वेतन का भुगतान शीघ्र कराने का अनुरोध किया गया तथा भुगतान में लापरवाही करने वाले प्रभारी अधिकारी के विरूद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए उन्हें तत्काल हटाने कि मांग की।

इस अवसर पर संघ के योगेन्द्र दुबे, बृजेश मिश्रा, सतीश देशमुख, अंकित चौरसिया, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डे, चन्दु जाउलकर, संदीप नेमा, गोविन्द विल्थरे, डीडी गुप्ता, नितिन शर्मा, धीरेन्द्र तिवारी, धनश्याम पटैल, रमेश उपाध्याय, राजकुमार मिश्रा आदि उपस्थित रहे।