मध्य प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारियों का वर्तमान में सिर्फ 2 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा कराया जा रहा है, जबकि इसे 5 लाख रुपए किया जाना चाहिए। मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जिला संरक्षक योगेंद्र दुबे एवं जिलाध्यक्ष अटल ने बताया कि कर्मचारियों के दुर्घटना में निधन होने पर मात्र दो लाख रुपए की बीमा राशि दी जा रही है।
वहीं सरकार ने नगरीय निकायों में नियमित वेतनमान में कार्यरत सफाई कर्मचारियों के लिए समूह बीमा योजना को पुनरीक्षित कर सफाई कर्मचारी की दुर्घटना में मृत्यु होने पर उनके परिजन को 5 लाख रुपए की बीमा राशि उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए है। सामान्य मृत्यु पर पूर्व में एक लाख रुपए मिल रहे थे।
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जीतेंद्र सिंह, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र शर्मा, एमपी द्विवेदी, संयोजक एसबी सिंह ने कहा है कि राजस्व, वन, लोक निर्माण, जल, स्वास्थ विभाग एवं अन्य विभाग के कर्मचारियोँ की ड्यूटी करते हुए दुर्घटनाओं में मौत हो जाती है, इनके परिजनों को भी पांच लाख रुपये बीमा राशि मिलना चाहिए, एक विभाग के कर्मचारियों को यह लाभ देना, अन्य विभाग के कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार है।
वन, स्वास्थ, पीडब्लूडी, शिक्षा, राजस्व और जल संसाधन विभागों भी सफाई कर्मी कार्यरत हैं, इन्हें यह लाभ ना देना फूट डालो की नीति मानी जा रही है। मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, मध्य प्रदेश लिपिक वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष यूएस करोसिया, लघु वेतन कर्मचारी संघ के अजय दुबे, नरेश शुक्ला, विश्वदीप पटेरिया, संतोष मिश्रा, प्रशांत सोधिया, धीरेन्द्र सिंह, देव दोनेरिया, राजेंद्र तेकाम, जोगेंद्र पीपरी, समयपाल अर्जुन सोमवंसी, बृजेंद्र मिश्रा ने समस्त विभागों के कर्मचारियों की दुर्घटना बीमा राशि पांच लाख रुपए किए जाने की मांग की है। मात्र नगर निगम कर्मी को दुर्घटना बीमा राशि पांच लाख रुपया देना अन्य विभागों के कर्मचारियोँ के साथ भेदभाव है, कर्मचारियों में फूट डालने की इस नीति की कड़ी निंदा की जा रही है।