भारतीय रेल (2018 बैच) के 255 परिवीक्षाधीन अधिकारियों के एक समूह ने आज 14 सितंबर राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की।
राष्ट्रपति ने परिवीक्षाधीन अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय रेल न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था बल्कि भारत की एकता और सामाजिक-सांस्कृतिक विविधता की भी रीढ़ है।
उन्होंने इस बात पर बल दिया कि यह उन जैसे युवा अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे रेलवे इको-सिस्टम की समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाएं और भारतीय रेल को विश्व में सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली सेवा प्रदाता बनाने का प्रयास करें।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रौद्योगिकी आज सभी क्षेत्रों में प्रेरक शक्ति है। उन्होंने रेखांकित किया कि भारतीय रेल, जो हर दिन लाखों लोगों की आवश्यकताओं और मांगों को पूरा करती है और हर महीने लाखों टन माल का परिवहन करती है, के लिए प्रौद्योगिकी का यथासंभव सर्वोत्तम उपयोग करना आवश्यक है।
उन्होंने युवा अधिकारियों से लोक-केन्द्रित और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन प्रणाली के लिए नए अनुप्रयोगों और प्रणालियों को तैयार करके देश की प्रौद्योगिकीय उन्नति में एक नया रास्ता तय करने में योगदान देने का आग्रह किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि जो लोग रेलगाड़ियों में यात्रा करते हैं वे अपनी यात्रा की यादें अपने साथ संजो कर रखते हैं। उन्होंने अधिकारियों से यात्रियों के साथ अपने अतिथियों के रूप में व्यवहार करने और सर्वोत्तम सेवा तथा सर्वोत्तम अनुभव प्रदान करने का आग्रह किया, जिसे वे संजोकर रख सकें। उन्होंने हर तरह से यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि उन्नत प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित-अनुप्रयोगों के साथ, रेल सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कुशल और फुलप्रूफ सिस्टम डिजाइन किए जाने चाहिए।