कृषक प्रतिनिधियों ने जबलपुर के खमरिया स्थित केंद्र सरकार के रिसर्च फार्म बोरलॉग इंस्टीट्यूट आफ साउथ एशिया (BISA) का भ्रमण किया। बीसा फार्म के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ रवि गोपाल सिंह ने विभिन्न फसलों की नई विकसित प्रजातियों, उनके महत्व तथा कृषि की नवीनतम तकनीक तथा विभिन्न फसलों के उत्पादन की विधियों की उपयोगी जानकारियों से अवगत कराया।
विशेष रूप से बिना जुताई के बिजाई/बोनी के लाभ, खरपतवार रोकने के लिए सिचाई, उर्वरक एवं प्रकाश का प्रबंधन एवं इसमे खेत के अवशेषों से मलचिंग की उपयोगिता के साथ ही वैज्ञानिकों द्वारा यह जानकारी दी गई कि उनके यहां की गई रिसर्च मे यह पाया गया की जहां पराली जलाई है और जहां नहीं जलाई गई, दोनों में उत्पादन में बहुत बड़ा अंतर देखा गया है। यदि हम पराली नहीं जलाएं तो उत्पादन में 15 से 20 प्रतिशत तक की वृद्धि होती है। पराली जलाने के विकल्पों पर भी विस्तार से चर्चा हुई।
भ्रमण के पूर्व बीसा के कार्यालय मे आयोजित बैठक में कृषक प्रतिनिधियों ने बीसा फार्म पर किये जा रहे अनुसन्धानों, किसान भाइयों के लिए कार्यक्रमों, योजनाओं के साथ ही किसानों के लिए बीजों की उपलब्धता पर जानकारियां प्राप्त कर विस्तार से चर्चा की।
बीसा के डायरेक्टर द्वारा किसान भाइयों के लिए आगामी माह मे बीसा फार्म में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम रखने की मांग पर सहमति दी गई। इस अवसर पर कृषक प्रतिनिधि केके अग्रवाल, रूपेंद्र पटेल, डॉ ब्रजेश अर्जरिया, रामकिशन पटेल, डॉ प्रकाश दुबे, डॉ आरएम पटेल, अमित अग्रवाल, विवेक सोनी आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।