भारत सरकार ने पिछले 9 वर्षों में 1,94,394 मेगावाट उत्पादन क्षमता जोड़कर बिजली क्षेत्र को बिजली की कमी से बिजली की अधिकता वाले क्षेत्र में बदल दिया है। बिजली उत्पादन की वर्तमान स्थापित क्षमता लगभग 4,26,132 मेगावाट है।
चालू वर्ष 2023-24 में जोड़ी गई 9,943 मेगावाट की कुल उत्पादन क्षमता में से 1,674 मेगावाट जीवाश्म ईंधन स्रोतों से और 8,269 गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से है।
वर्ष के दौरान 7,569 मेगावाट की नवीकरणीय क्षमता (लार्ज हाइड्रो सहित) जोड़ी गई है, जिसमें 5,531 मेगावाट सौर, 1,931 मेगावाट पवन, 34 मेगावाट बायोमास, 42 मेगावाट लघु हाइड्रो और 30 मेगावाट बड़ी हाइड्रो उत्पादन क्षमता शामिल है।
हर गांव और घर तक बिजली पहुंचा दी गयी है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता 2015 में 12 घंटे से बढ़कर 20.6 घंटे और शहरी क्षेत्रों में 23.8 घंटे तक बढ़ गई है।
चालू वर्ष 2023-24 के दौरान अधिकतम मांग 12.7 प्रतिशत बढ़कर 2,43,271 मेगावाट हो गई है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 2,15,888 मेगावाट थी और ऑल इंडिया पीक शॉर्टेज पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान 4.0 प्रतिशत (8,657 मेगावाट) के संबंध में घटकर 1.4 प्रतिशत (3,340 मेगावाट) हो गई है।
चालू वर्ष 2023-24 के दौरान ऊर्जा की आवश्यकता 8.6 प्रतिशत बढ़कर 11,02,887 एमयू हो गई है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान 10,15,908 एमयू थी। वर्ष के दौरान ऊर्जा उपलब्धता भी 8.9 प्रतिशत बढ़कर 10,99,907 एमयू हो गई है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 10,10,203 एमयू थी।
2023-24 के दौरान नवीकरणीय स्रोतों सहित कुल बिजली उत्पादन लगभग 1176.130 बीयू है, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान 1092.520 बीयू था, जो 7.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। चालू वर्ष 2023-24 के दौरान, अखिल भारतीय स्तर पर ऊर्जा की कमी पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान 0.6 प्रतिशत (5,705 एमयू) के मुकाबले कम होकर 0.3 प्रतिशत (2,980 एमयू) हो गई है।
ट्रांसमिशन क्षमता में वृद्धि
2023 के दौरान 14,390 सीकेएम ट्रांसमिशन लाइनें, 61,591 एमवीए परिवर्तन क्षमता और 4,290 मेगावाट अंतर-क्षेत्रीय स्थानांतरण क्षमता जोड़ी गई है।
पिछले 9 वर्षों में 1,87,849 सीकेएम (64.48 प्रतिशत वृद्धि) के साथ, 4,79,185 सीकेएम का ट्रांसमिशन नेटवर्क दुनिया में सबसे बड़े राष्ट्रीय सिंक्रोनस ग्रिड के रूप में विकसित हुआ है।
एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में बिजली ट्रांसमिट करने की कुल अंतर-क्षेत्रीय क्षमता पिछले 9 वर्षों में 35,950 मेगावाट से बढ़कर 1,16,540 मेगावाट (224.17 प्रतिशत वृद्धि) हो गई है। पिछले 9 वर्षों में 6,79,327 एमवीए की वृद्धि के साथ कुल परिवर्तन क्षमता (220 केवी और अधिक) 12,13,313 एमवीए (128.69 प्रतिशत वृद्धि) है।