मध्य प्रदेश के बिजली आउटसोर्स कर्मी बेबस होकर अजीब मुसीबत से घिरे हुए हैं। जिस बिजली कंपनी के लिए काम करते हैं, वो कहती है ये हमारे कर्मी नहीं हैं, वहीं जिस ठेकेदार के माध्यम से नियोजित किए गए हैं, वो कहता है कि अगर कार्य के दौरान घायल हो गए हो तो पहले इलाज कराओ बाद में सहायता राशि देंगे। वो भी मिलेगी कि नहीं ये भी तय नहीं है।
जबलपुर मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि पूर्व क्षेत्र कंपनी के अंतर्गत मंडला में 7 जनवरी 2024 को पूर्वान्ह 11 बजे जूनियर इंजीनियर ने आउटसोर्स कर्मी पंकज कछवाहा उम्र 30 वर्ष को 33*11 KV खैरी सब-स्टेशन पावर हाउस के पास लगी डीपी का जला हुआ जम्पर बदलने का कार्य सौंपा।
आउटसोर्स कर्मी पंकज कछवाहा जब पोल में चढ़कर जंपर लगा रहा था, उसी समय वह करंट लगने से 30 फीट की ऊंचाई से जमीन पर आ गिरा। उसके सहयोगियों के द्वारा मंडला के हॉस्पिटल में भर्ती किया गया, जहां आउटसोर्स कर्मी की गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टर के द्वारा जबलपुर के निजी हॉस्पिटल के आईसीयू वार्ड में भर्ती किया गया।
डॉक्टर ने बताया कि आउटसोर्स कर्मी को करंट लगने एवं गिरने से उसके सिर में गंभीर चोट आई है एवं दाहिने हाथ की हड्डी टूट गई है और दोनों हाथ जल गए हैं। इसके अलावा कर्मी के पैर और पेट भी जल गए हैं। आउटसोर्स कर्मी क्रिस्टल प्राइवेट कंपनी के माध्यम से बिजली कंपनी में पदस्थ है। आउटसोर्स कर्मी का इलाज सहयोगी एवं अधिकारियों के द्वारा कराया जा रहा है, जिसमे 2 लाख़ रुपये खर्च हो गए हैं।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि संघ द्वारा कई बार पूर्व क्षेत्र कंपनी प्रबंधन को पत्र लिखकर अवगत कराया गया कि ठेका कंपनी को ठेका देते समय ही उससे अनुबंध कराया जाए कि जो ठेकेदार आउटसोर्स कर्मियों को कैशलेस की सुविधा एवं 20 लाख का बीमा करेगा, उसी ठेकेदार को ठेका दिया जाएगा। किंतु वर्षों बीत जाने के बाद भी आज तक किसी भी प्रकार की श्रमिक हित में कोई कार्यवाही नहीं की गई।
संघ के मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, लखन सिंह राजपूत, विपतलाल विश्वकर्मा, अमीन अंसारी, इंद्रपाल सिंह, संदीप दीपांकर, दशरथ शर्मा, मदन पटेल, विनोद दास, महेंद्र बर्मन आदि ने मांग की है कि ठेका कंपनी क्रिस्टल के द्वारा तत्काल आउटसोर्स कर्मी का इलाज कराया जाए, पूर्व क्षेत्र कंपनी प्रबंधन इसके लिए निर्देश जारी करे।