Tuesday, November 26, 2024
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मकर संक्रांति 2024: सुख-समृद्धि और सफलता के लिए राशि के अनुसार करें इन वस्तुओं का दान, जानें राशिफल

ज्योतिषाचार्य ऋचा श्रीवास्तव
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मकर संक्रांति सूर्य और शनिदेव की पूजा, उपासना और दान से जुड़ा एक महापर्व है। इसी दिन के बाद सूर्यदेव धरती के उत्तरी गोलार्द्ध में प्रवेश करते हैं जिसे सूर्य का उत्तरायण होना भी कहा जाता है।यही वह महत्वपूर्ण दिन है जब मलमास समाप्त होकर विवाह आदि मांगलिक कार्य सम्पन्न किए जाते हैं।

महाभारत में भी वर्णन है कि युद्ध के समय शर-शैय्या पर पड़े भीष्म पितामह नें सूर्य की मकर संक्रांति के दिन अपनी मृत्यु की इच्छा जताई थी। उन्होनें बताया था कि इस दिन सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं, अतः इस दिन प्राण त्यागने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।

इसी प्रकार से एक अन्य स्थान पर वर्णन है कि मकर संक्रांति के दिन ही माँ गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पे अवतरित हुई थीं और महाराज भगीरथ का अनुसरण करते हुए सागर में विलीन हुई थीं। इस दिन पश्चिम बंगाल में स्थित गंगा सागर तट पर बड़ा मेला लगता है। लोग आज के दिन स्नान, ध्यान तर्पण इत्यादि करके पुण्य फलों की प्राप्ति करते हैं।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार  मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव अपने पुत्र शनि देव की राशि में जाते हैं। तो 2 महान ग्रहों के मिलन का भी पावन समय होता है।

एक अन्य कथा के अनुसार असुरों पर भगवान विष्णु के विजय के तौर पर भी मकर संक्रांति मनाई जाती है। हमारे देश के लोक जनमानस में ये नए फसलों की कटाई का भी त्यौहार है।

जम्मू कश्मीर से लेकर दक्षिण भारत तक विभिन्न नामों से ये त्योहार मनाया जाता है। उत्तर भारत में लोहिड़ी, खिचड़ी, टुसु, बिहू आदि नामो से तो दक्षिण में पोंगल नाम से इस त्योहार को मनाते हैं। इस दिन दही, गुड़, चूड़ा, तिल आदि का दान और सेवन भी किया जाता है।

इस वर्ष 2024 में मकर संक्रांति की तिथि को लेकर भ्रम है कि संक्राति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाय अथवा 15 जनवरी को। इस बार सूर्य 14 जनवरी की रात में 2 बजकर 45 मिनट पर धनु राशि से निकल कर मकर राशि मे प्रवेश करेंगे। अतः व्रत उपवास की उदया तिथि 15 जनवरी की प्रातः सूर्योदय के साथ प्रारम्भ होगी। 

अतः इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी को ही मनाया जाएगा। स्नान, ध्यान, उपवास, पूजन और दान का पुण्य काल की अवधि 15 जनवरी को सुबह 7 बजकर 15 मिनट से लेकर सायं 6 बजकर 21 मिनट तक रहेगी।

महा पुण्यकाल की अवधि सुबह 7 बजकर 15 से लेकर सुबह 9 बजकर 15 मिनट तक रहेगी।  15 जनवरी 25 को शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि और शतभिषा नक्षत्र भी पड़ रहा, इसलिए पुण्य काल का महत्व और भी बढ़ जाता है।

इस दिन काला तिल और गंगाजल डालकर स्नान करना,, सूर्यदेव को जल अर्पण करना और तिल-गुड़ के लड्डू, दही-चूड़ा, खिचड़ी , तिल, उड़द, वस्त्र आदि का दान और उपभोग करना भाग्यवर्धक रहता है।

राशि अनुसार फल

मेष राशि- बिगड़ा काम बनेगा, व्यापार में सफलता प्राप्त होगी। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा।

वृषभ राशि- धार्मिक कार्य पर खर्च होगा।व्यापार व नौकरी में लाभ और तरक्की मिलेगी। शादी के योग हैं और सन्तान की उन्नति होगी।

मिथुन राशि- मिथुन राशि वालों को घर-कार्यस्थल पर विशेष रूप से सतर्क रहना चाहिए। धोखाधड़ी से बचें, और महत्वपूर्ण कार्य और बड़ा निवेश न करें। विवाद से दूर रहें।

कर्क राशि- बहुत लाभप्रद समय रहेगा।  समाज में मान- सम्मान, बढ़ेगा। कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी। नए सम्पर्कों से लाभ प्राप्त होगा।

सिंह राशि- बहुत ही अधिक लाभदायक होगी यह संक्रांति। सभी कार्यों में मनचाही सफलता मिलेगी।सुख- ऐश्वर्य और धन, मान-सम्मान की प्राप्ति होगी।

कन्या राशि- जीवन मे खुशियां आएंगी। शिक्षा औऱ व्यापार में बड़ी सफलता मिलेगी सन्तान की तरक्की के योग हैं।

तुला राशि- कुछ कष्ट बढ़ेंगे। आंशिक रूप से व्यापार, निवेश आदि में हानि हो सकती है। लेकिन कुछ समय बाद परिस्थितियों में सुधार हो जाएगा।

वृश्चिक राशि- व्यापार में प्रबल लाभ। परिवार में खुशियां मिलेंगी। अटका हुआ धन मिलेगा। कई समस्याओं का समाधान होगा।

धनु राशि- संतोष और सुख की अनुभूति, नए नए कार्य करने के सुअवसर मिलेंगे। समाज मे मान-सम्मान में वृद्धि होगी।

मकर राशि- इस राशि पे संक्रांति हो रही। व्यापार-व्यवसाय में आर्थिक लाभ मिलेगा। परिवार में रुतबा बढ़ेगा और समाज में मान-सम्मान मिलेगा। कार्यों में आ रही अड़चनें दूर होंगी।

कुंभ राशि- सावधान रहने की आवश्यकता, अजनबियों पे अधिक भरोसा न करें। व्यापार में बड़े निवेश से बचें। कार्य स्थल, नौकरी में धोखाधड़ी से सतर्क रहें।

मीन राशि- बहुत लाभप्रद रहेगा। हर्ष वर्धक समाचार प्राप्त होंगे व्यापार-व्यवसाय में तरक्की लाभ। सम्बन्धियों, मित्रों आदि से लाभ प्राप्त होगा।

राशि अनुसार दान

मेष राशि- गुड़, मूंगफली, तिल।

वृष राशि- सफेद कपड़ा, दही, सफेद तिल।

मिथुन राशि- मूंगदाल, चावल, कम्बल, हरी सब्जी।

कर्क राशि- चावल, चांदी,दूध, सफ़ेद तिल।

सिंह राशि- गेहूं, जौ, गुड़, तांबा।

कन्या राशि- खिचड़ी, कम्बल,हरे वस्त्र,काले तिल।

तुला राशि- शक्कर या मिस्री, सफेद तिल, चावल, सफेद ऊनी वस्त्र।

वृश्चिक राशि- मसूर दाल, मूँगा, लाल वस्त्र, तिल।

धनु राशि- पीतल की वस्तु, खिचड़ी,खड़ी हल्दी, पीला वस्त्र।

मकर राशि- काला कम्बल, लोहा, काली उड़द, तिल, सरसों तेल।

कुंभ राशि- काला वस्त्र, काली उडद, खिचड़ी और तिल।मीन राशि- चावल, केले, चने की दाल, पीला रेशमी वस्त्र, तिल।

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