Tuesday, November 26, 2024
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मोटापा, गैस और एसिडिटी को दूर करता है इन अनाजों का आटा: वैद्य डॉ प्रदीप कुमार

वैद्य डॉ प्रदीप कुमार
बीएएमएस, डीपीसी (चेन्नई)
पंचकर्म चिकित्सा विशेषज्ञ
पूर्व चिकित्सक आर्य वैद्य चिकित्सालयम कोयंबटूर,
पूर्व चिकित्सक आयुरप्रस्थ कोट्टागिरी (ऊटी),
पूर्व मुख्य चिकित्सक रेडिएंट रिट्रीट रिसोर्ट बैंगलोर

यदि आप मोटापे से परेशान है, पेट में गैस और एसिडिटी होती है तो आपको अपने खानपान में बदलाव करना होगा। यदि आप ऐसा करने के लिए तैयार हैं तो निश्‍चित ही आप इन समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। बस आपको थोड़ा बहुत परहेज करना होगा और तब आप एकदम से स्वस्थ हो जाएंगे।

सबसे पहला परहेज ये करना होगा कि आपको गेहूं का आटा, मैदा और बेसन से बने खाद्य पदार्थों को खाना छोड़ना होगा। इसी के साथ आपको यह ध्यान रखना होगा कि भोजन ज्यादा मसालेदार न हो।

ज्वार का आटा

यह पाचन के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है। यह ब्लड में शुगर के लेवल को कंट्रोल में रखती है। यह कोलेस्ट्रॉल को भी नहीं बढ़ने देती है। यानी हार्ट के लिए यह सही है। यह ग्लूटेन फ्री आटा है जो प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन और विटामिन से भरपूर होता है। यदि आप ज्वार की रोटी खाते हैं तो गैस, एसिडिटी और अपच बचकर मोटापे को कंट्रोल में कर सकते हो।

मक्का का आटा

मक्का के आटे में भरपूर फाइबर होता है जो पाचन तंत्र को सुधारने में कारगर है। कभी कभी मक्के के आटे की रोटी भी खाना चाहिए या अन्य आटे में मक्का मिलाकर रोटी बनाकर खा सकते हो।

बाजरे का आटा

यह भी एक ग्लूटेन फ्री आटा है जिसमें फाइबर, आयरन, प्रोटीन और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व है। यह पचन में भी आसान है और यह पेट की गर्मी को छांटता है। बाजरे की 2 रोटी खाने से ही आपका पेट भरा जाएगा, जबकि गेहूं कि आप कम से कम 4 रोटी खाएंगे। यदि आप बाजरे की रोटी खाते हैं मोटापे को कंट्रोल में कर सकते हो।

रागी का आटा

रागी का आटा भी ग्लूटेन फ्री आटा है और इसमें भी फाइबर होता है। फाइबर हमारे पाचन तंत्र को ठीक करके गैसे, एसिडिटी जैसे रोग को रोकता है। आपको पूरे दिन भेट भरा हुआ महसूस होगा, जो वजन घटाने के लिए महत्वपूर्ण है।

एसिडिटी के लिये आजमाएं घरेलू उपचार

एसिडिटी तभी होती है जब पेट में एसिड का अधिक स्राव होने लगता है। जब यह स्राव तेज हो जाता है तो हमें अंदर से ऐसा महसूस होता है कि हमारा सीना जल रहा है। ज्‍यादातर ऐसा तभी होता है जब हम तेज मिर्च मसाले वाला भोजन खाते हैं। कॉफी ज्‍यादा ना पीएं, इसकी जगह पर हर्बल टी पीजिये।

हर रोज़ हल्‍का गरम पानी पीना चाहिये। अपनी डाइट में केला, तरबूज और खीरा शामिल करें। अगर एसिडिटी है तो नारियल पानी पीजिये। रोजाना एक ग्‍लास दूध पीजिये। सोने से पहले ये नियम बना लीजिये कि भोजन दो-तीन घंटे पहले ही कर लें।

एसिडिटी तब भी होती है जब आप भोजन के बीच में अधिक देर का गैप हो जाता है। इसलिये थोड़ी-थोड़ी देर पर कुछ ना कुछ खाते रहें। मसालेदार भोजन, चटनी, अचार और सिरका खाने से बचें। भोजन करने के बाद पानी में पुदीना उबालें और पिएं। गुड, नींबू, केला, बादाम और दही को खाने से भी एसिडिटी में राहत मिलती है। ज्‍यादा स्‍मोकिंग करना और ज्‍यादा शराब पीने से भी एसिडिटी हो जाती है। च्‍विंगम खाइये, इसको खाने से मुंह में थूक बनेगा जिससे खाना आसानी से पच जाएगा।

अदरक हाजमे के लिये बहुत ही अच्‍छी होती है। नींबू, चीनी और पानी का घोल लंच करने से पहले पीजिये, इससे आपको परेशानी नहीं उठानी पडे़गी। सहजन, बीन्‍स, कद्दू, पत्‍ता गोभी, प्‍याज और गाजर जैसी सब्‍जियों को अपने आहार में शामिल करें।

पाइनेपल के जूस का सेवन करें, यह एन्जाइम्स से भरा होता है। खाने के बाद अगर पेट अधिक भरा व भारी महसूस हो रहा है, तो आधा गिलास ताजे पाइनेपल का जूस पीएं, सारी बेचैनी और एसिडिटी खत्म हो जाएगी।

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