Tuesday, November 26, 2024
Homeलोकमंचइतिहास के पन्नों में 24 जनवरीः न्यूक्लियर प्रोग्राम के जनक होमी जहांगीर...

इतिहास के पन्नों में 24 जनवरीः न्यूक्लियर प्रोग्राम के जनक होमी जहांगीर भाभा की मौत ने देश को हिला दिया

देश-दुनिया के इतिहास में 24 जनवरी की तारीख तमाम अहम वजह से खास है। यह ऐसी तारीख है, जिसने सारे देश को हिलाकर रख दिया था। दरअसल 24 जनवरी, 1966 को भारतीय न्यूक्लियर प्रोग्राम के जनक होमी जहांगीर भाभा के विमान दुर्घटना में मारे जाने की खबर आई तो सारा राष्ट्र रो पड़ा। भाभा का जन्म 30 अक्टूबर, 1909 को मुंबई के एक अमीर पारसी परिवार में हुआ था। भाभा न केवल वैज्ञानिक, बल्कि बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। डॉ. भाभा की शख्सियत ऐसी थी कि नोबेल पुरस्कार विजेता सीवी रमन उन्हें भारत का लियोनार्दो द विंची कहकर बुलाते थे।

एयर इंडिया का यह विमान मुंबई से न्यूयॉर्क जा रहा था। अमेरिका पहुंचने से पहले वह यूरोप के आलप्स माउंटेन रेंज में क्रैश हो गया। इस हादसे में होमी जहांगीर भाभा समेत 117 लोगों की जान गई थी। कहा जाता है कि होमी जहांगीर भाभा की मौत के पीछे अमेरिकी खुफिया एजेंसी का हाथ था। भारत के न्यूक्लियर एनर्जी प्रोग्राम को रोकने के लिए भाभा की मौत की साजिश रची गई थी। हादसे के 42 साल बाद 2008 में छपी विदेशी पत्रकार ग्रेगरी डगलस की किताब कन्वर्सेशन विद द क्रो में यह दावा किया गया।

विमान हादसे के तीन महीने पहले भाभा की एक घोषणा ने दुनिया के बड़े मुल्कों को चौंका दिया था। भाभा ने ऑल इंडिया रेडियो पर घोषणा की थी कि अगर उन्हें छूट मिले, तो वे 18 महीने में एटम बम बनाकर दिखा सकते हैं। भाभा हमेशा देश की सुरक्षा, ऊर्जा, कृषि और मेडिसिन के क्षेत्र में न्यूक्लियर एनर्जी के डेवलपमेंट का जिक्र करते थे। कहते हैं कि अगर उनका विमान क्रैश नहीं होता तो भारत न्यूक्लियर साइंस की फील्ड में कई उपलब्धियां बहुत पहले हासिल कर सकता था।

होमी भाभा भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के काफी नजदीक थे। साथ ही दुनिया के उन चुनिंदा लोगों में से थे जो उन्हें भाई कहकर पुकारते थे। भाभा 1950 से 1966 तक परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष थे। तब वे भारत सरकार के सचिव भी हुआ करते थे। कहते हैं कि सादगी पसंद भाभा कभी भी अपने चपरासी को अपना ब्रीफकेस नहीं उठाने देते थे।

महत्वपूर्ण घटनाचक्र

1556ः चीन में शक्तिशाली भूकंप, आठ लाख तीस हजार लोगों की मौत।

1824ः रूस में पेट्रोग्राद (सेंट पीट्सबर्ग) का नाम बदलकर लेनिनग्राद किया गया।

1839ः चार्ल्स डार्विन रॉयल सोसाइटी के फेलो चुने गए।

1936ः अलबर्ट सैरुएट फ्रांस के प्रधानमंत्री बने।

1939ः चिली में भूकंप से 30 हजार लोग मरे।

1950ः जन गण मन को राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार किया गया।

1950ः डॉ. राजेंद्र प्रसाद स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने।

1951ः प्रेम माथुर भारत की पहली महिला कमर्शियल पायलट बनीं।

1952ः मुंबई में ‘पहला अंतरराष्ट्रीय फिल्म’ महोत्सव आयोजित किया गया।

1973ः अमेरिका ने वियतनाम युद्ध बंद होने के साथ लाओस और कंबोडिया में भी युद्धबंदी का ऐलान किया।

1979ः अमेरिका ने नेवादा में परमाणु परीक्षण किया।

1989ः पेरू में सोने की खान में 100 से अधिक श्रमिक फंसे।

1991ः लिथुआनिया गणराज्य ने सोवियत संघ के सैनिकों हटाने की मांग की।

1996ः अमेरिका के इतिहास में पहली बार देश की प्रथम महिला हिलेरी क्लिंटन को न्यायालय में पेश होने का आदेश।

2000ः चुनाव में दलितों का आरक्षण 10 वर्ष तक बढ़ाने के लिए संविधान के 79वें संशोधन को राष्ट्रपति की मंजूरी।

2001ः जैव सुरक्षा संधि पर भारत के हस्ताक्षर।

2002ः भारतीय उपग्रह इनसेट-3 सी सफलतापूर्वक अपनी कक्षा में स्थापित।

2003ः भारत और फ्रांस के बीच प्रत्यर्पण संधि।

2005ः आंध्र प्रदेश में तेलगुदेशम विधायक परिताला रवि की गोली मारकर हत्या।

2005ः गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि भूटान नरेश जिग्मे सिंघे वांगचुक भारत पहुंचे।

2007ः रूस एवं भारत के बीच एटमी रिएक्टर बनाने पर समझौता।

2008ः पूर्व थल सेना अध्यक्ष जेजे सिंह को अरुणाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया।

2008ः अफगानिस्तान में एक पत्रकार को इस्लाम का अपमान करने आरोप में सजा-ए-मौत की सजा।

2011ः मॉस्को के डोनोडिडोवो हवाई अड्डे पर बम विस्फोट। 35 लोगों की मौत। 180 घायल।

जन्म

1826ः प्रथम भारतीय बैरिस्टर ज्ञानेन्द्र मोहन टैगोर।

1924ः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर।

1945ः भारतीय फिल्म निर्माता-निर्देशक सुभाष घई।

निधन

1965ः ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री सर विंस्टन चर्चिल।

1966ः भारतीय भौतिक वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा।

2011ः भारत रत्न सम्मानित शास्त्रीय गायक भीमसेन जोशी।

दिवस

राष्ट्रीय बालिका दिवस

संबंधित समाचार

ताजा खबर