नई दिल्ली (हि.स.)। महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के मकसद से महिला कार्य बल की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मंगलवार को श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने नियोक्ताओं के लिए परामर्श जारी किया। भारत मंडपम में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कार्यक्रम में आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय तथा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भवन, निर्माण और राजमार्ग क्षेत्रों में महिला कार्यबल की भागीदारी एवं उनकी सुरक्षा के लिए परामर्श जारी किया गया।
“सक्षम नारी सशक्त भारत- विकसित भारत कार्यबल में महिलाएं” विषय पर आयोजित कार्यक्रम में 1000 से अधिक कंपनियां के मालिकों और उच्च अधिकारियों ने संकल्प लिया कि वे उद्योग क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाएंगे। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के परामर्श से महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा क्रेच (संचालन और प्रबंधन) के लिए तैयार किए गए राष्ट्रीय न्यूनतम मानक और प्रोटोकॉल भी जारी किया।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय महिला एवं बाल विकास और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी, केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने की। इस कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में सचिव इंदीवर पांडे और श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की सचिव आरती आहूजा भी उपस्थित थीं।
इस मौके पर भूपेन्द्र यादव ने कहा कि देश में ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़े हैं। विशेषकर स्किल के क्षेत्र में और किसानी के क्षेत्र में अवसर असंख्य हैं। विकसित भारत की संकल्पना में महिलाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण है। महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि साल 2022-23 में पीएफ पंजीकरण के तहत 28 लाख महिलाओं का पंजीकरण हुआ है। यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। ई श्रम पोर्टल पर पंजीकृत 31 करोड़ श्रमिकों में 53 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी है। महिलाओं को एक सामान वेतन, सामान अवसर प्रदान करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। महिलाओं को गरिमा पूर्ण तरीके से काम करने के लिए भी उपाय सुनिश्चित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत की संकल्पना में नारी शक्ति आगे बढ़ने के साथ साथ उन्हें सुरक्षित माहौल भी सुनिश्चित किया जा रहा है।
इस मौके पर महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि आज एक हजार से अधिक नियोक्ताओं ने जो आज संकल्प लिया गया वो संकल्प राष्ट्रीय स्वरूप लेकर उभरेगा। देश में कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए जो एडवाइजरी भी जारी की है, उससे यकीनन उनमें साहस का संचार होगा। उन्होंने कहा कि इस एडवाइजरी में महिलाओं को डिजिटल सक्षम बनाने के लिए उनके श्रम का भुगतान डिजिटल तरीके से करने का परामर्श उल्लेखनीय है। आज देश में 24 करोड़ महिलाओं के बैंक खाते खुले हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विकसित डिजिटल मिशन के तहत अब माइग्रेंट महिला श्रमिक भी लाभान्वित हो सकती है।