नई दिल्ली (हि.स.)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट पेश किया। इसमें उन्होंने राजकोषीय घाटा, सकल घरेलू उत्पाद के 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है। पिछले वित्त वर्ष में 5.8 प्रतिशत था।
राजकोषीय घाटा एक वित्त वर्ष में सरकार के कुल राजस्व (आय) और कुल व्यय के बीच का अंतर होता है। घाटा होने का कारण है कि सरकार अपनी कमाई से अधिक खर्च करती है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने लोकसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि 2021-22 में अपने बजट भाषण में 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत से कम लाने की घोषणा के अनुरूप ही राजकोषीय समेकन की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। उसी राह पर चलते हुए 2024-25 का राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार की कुल उधारी में कमी आई है। कुल व्यय (संशोधित) 44.90 लाख करोड़ रहा। उधार को छोड़ कर कुल आय 27.56 लाख करोड़ रही। इसमें वित्त वर्ष 23-24 के लिए कर से आय 23.24 लाख करोड़ है। वित्त वर्ष 24-25 के लिए सकल बाजार उधार 14.13 लाख करोड़ अनुमानित है।