वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में अंतरिम बजट 2024-25 पेश करते हुए कहा कि मत्स्य क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए पांच एकीकृत एक्वापार्कों की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह हमारी सरकार थी जिसने मछुआरों की सहायता करने के महत्व को महसूस करते हुए मत्स्य क्षेत्र के लिए एक अलग विभाग की स्थापना की। इसका परिणाम अन्तर्देशीय और एक्वाकल्चर उत्पादन दोनों के दोगुना होने के रूप में आया हैं। श्रीमती निर्मला सीतारमण ने रेखांकित किया कि 2013-14 से सी-फूड का निर्यात भी दोगुना हो गया है।
उन्होंने घोषणा की कि (i) एक्वाकल्चर उत्पादकता को प्रति हैक्टेयर वर्तमान 3 से बढ़ा कर 5 टन करने (ii) निर्यात को दोगुना कर 1 लाख करोड़ रुपये तक पँहुचाने और निकट भविष्य में 55 लाख रोजगार अवसरों का सृजन करने के लिए पीएम मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के कार्यान्वयन में तेजी लाई जाएगी।
ब्लू इकोनॉमी 2.0
ब्लू इकोनॉमी 2.0 के लिए जलवायु के अनुकूल कार्यकलापों को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत और बहुविषयक दृष्टिकोण के साथ, पुनःस्थापन एवं अनुकूलन उपायों और तटीय एक्वाकल्चर और मारिकल्चर की एक योजना शुरू की जाएगी।
डेयरी विकास
श्रीमती निर्मला सीतारमण ने यह भी घोषणा की कि डेयरी किसानों की सहायता के लिए व्यापक कार्यक्रम तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि खुरपका रोग को नियंत्रित करने के प्रयास पहले से चल रहे हैं। उन्होंने कहा “भारत विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है लेकिन देश में दुधारू पशुओं की दुग्ध उत्पादकता कम है”। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय गोकुल मिशन, राष्ट्रीय पशुधन मिशन और डेयरी प्रसंस्करण एवं पशुपालन के लिए अवसंरचना विकास निधि जैसी मौजूदा योजनाओं की सफलताओं पर आधारित होगा।