भोपाल (हि.स.)। मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने सदन में राज्य सरकार का 30 हजार 265 करोड़ 15 लाख रुपये का द्वितीय अनुपूरक अनुमान प्रस्तुत किया। इसमें ऊर्जा विभाग के अंतर्गत विद्युत वितरण कंपनियों को उदय योजना के तहत अंश पूंजी के लिए 13365 करोड़ रुपये, समग्र शिक्षा अभियान के लिए 350 करोड़ पंचायत विभाग के अंतर्गत स्थानीय निकायों को 2135 करोड का अनुदान, सिंचाई परियोजनाओं के लिए 420 करोड़, मुख्यमंत्री कन्या विवाह सहायता के लिए 50 करोड़ नर्मदा घाटी विकास की सिंचाई योजनाओं के लिए 807 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
मध्य प्रदेश विधानसभा में गुरुवार को सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई। शून्यकाल में सदन में हरदा विस्फोट कांड पर कांग्रेस विधायकों द्वारा दिए गए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा हुई। इस दौरान जमकर हंगामा हुआ, जिसके बाद सदन की कार्यवाही थोड़ी देर के लिए स्थगित कर दी गई। दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर विधानसभा में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया।
किस विभाग को कितना मिला
– मध्यप्रदेश राज्य सरकार खनिज साधन विभाग अंतर्गत जिला माइनिंग फण्ड योजना के लिए 100 करोड़ का प्रावधान हैं।
– वाणिज्यिक कर विभाग अंतर्गत म.प्र. परिवहन अधोसंरचना विकास निधि योजना के लिए 106 करोड़ और म.प्र. नगरीय परिवहन अधोसंरचना विकास निधि हेतु 47 करोड़ का प्रावधान हैं।
– राज्य सरकार ने लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग अंतर्गत मुख्यमंत्री श्रमिक सेवा प्रसूति सहायता योजना हेतु 200 करोड़, आशा कार्यकर्ताओं को अतिरिक्त प्रोत्साहन योजना के लिये 220 करोड़ और मुख्यमंत्री एयर एंबुलेंस योजना के लिए 2.50 करोड़ का प्रावधान रखा है।
– ऊर्जा विभाग के अंतर्गत आने वाली विद्युत वितरण कंपनियों को उदय योजना के तहत अंशपूंजी का प्रदाय योजना के लिए 13,365 करोड़, म.प्र. उपकर अधिनियम 1982 के अंतर्गत ऊर्जा विकास उपकर का ऊर्जा विकास निधि को 181 करोड़ का प्रावधान है, अटल गृह ज्योति योजना के लिए 579 करोड़ है।
– 350 करोड़ का प्रावधान स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत समग्र शिक्षा अभियान के लिये है।
– मध्यप्रदेश सड़क विकास कार्यक्रम (ए.डी.बी.) के लिए 400 करोड़, लोक निर्माण विभाग अंतर्गत केंद्रीय सड़क निधि योजना के लिए 450 करोड़, भू-अर्जन हेतु मुआवजा के लिये 400 करोड़, वृहद पुलों का निर्माण 150 करोड़, ग्रामीण सड़कों एवं अन्य जिला मागों का निर्माण/उन्नयन योजना के लिए 525 करोड़, म.प्र. सड़क विकास निगम के माध्यम से सड़कों का निर्माण योजना के लिए 250 करोड़ और नवीन ग्रामीण एवं अन्य जिला मागों का निर्माण के लिए 200 करोड़ का प्रावधान है।
– जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत पी. एम. जनमन बहुउद्देशीय केंद्र निर्माण योजना के लिए 26 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
– 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार पंचायत विभाग अंतर्गत स्थानीय निकायों को अनुदान के लिए 2,135 करोड़ रुपये का प्रावधान दिया गया है।
– मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग अंतर्गत प्रिंट मीडिया 120 करोड़, इलेक्ट्रानिक मीडिया पर प्रचार के लिए 120 करोड़, विशेष अवसरों पर प्रचार के लिए 70 करोड़ तथा कार्यक्रम, आयोजन एवं प्रबंधन के लिए 14 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
– लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अंतर्गत जल जीवन मिशन (जे जे एम) नेशनल रूरल ड्रिंकिंग वाटर मिशन योजना के लिए 2,616 करोड़ का प्रावधान।
– सरकार ने सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग अंतर्गत सामाजिक सुरक्षा और कल्याण के लिए 200 करोड़ और दीनदयाल अन्त्योदय मिशन को आर्थिक सहायता के लिए 50 करोड़ का प्रावधान।
– नर्मदा घाटी विकास विभाग अंतर्गत विद्युत देयकों के भुगतान के लिए 62 करोड़, विभिन्न सिंचाई योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए 807 करोड़ का प्रावधान।
– जल संसाधन विभाग अंतर्गत विद्युत देयकों के भुगतान के लिए 50 करोड़, विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए 420 करोड़ का प्रावधान।
– खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग अंतर्गत खुली निविदा पद्धति से शक्कर क्रय पर राज्य शासन से अनुदान के लिए 150 करोड़ का प्रावधान है।
– पशुपालन एवं डेयरी विभाग अंतर्गत गौ संवर्धन एवं पशुओं का संवर्धन योजना के लिए 30 करोड़ और मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना के लिए 50 करोड़ का प्रावधान हैं।
– महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत आंगनबाड़ी सेवायें (सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0) के लिए 614 करोड़, मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना 2023 के लिए 1648 करोड़, लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिए 760 करोड़, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए 176 करोड़ और समेकित बाल संरक्षण योजना (मिशन वात्सल्य) के लिए 70 करोड़, पोषण अभियान (एनएनएम) (सक्षम आंगनबाड़ी और पोषण 2.0) योजना के लिए 128 करोड़ का प्रावधान।
– चिकित्सा शिक्षा विभाग अंतर्गत चिकित्सा महाविद्यालय, संबद्ध चिकित्सालय के लिए 119 करोड़, नवीन चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना के लिए 362 करोड़, पी.एम.एस.एस.वाय. परि. अंतर्गत सुपरस्पेशल्टी अस्पताल की स्थापना के लिए 38 करोड़, रतलाम/दतिया/शिवपुरी एवं सतना चिकित्सा महाविद्यालय के लिए 56 करोड़ का प्रावधान।
– ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण हेतु 346 करोड़ और प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना अंतर्गत रसोइयों को मानदेय भुगतान की राज्य योजना के लिए 183 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित हैं।
– पर्यटन विभाग अंतर्गत मुख्यमंत्री हेली पर्यटन सेवा नवीन योजना के लिये प्रावधान।
– उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेन्स नवीन योजना हेतु प्रतीक प्रावधान।