फ्रांस दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और फ्रांस की मित्रता पूरी तरह अटूट् है और ये मित्रता नहीं एक प्रकार से मित्रता से भी कुछ आगे है ये नई नहीं है बल्कि सालों पुरानी है। ऐसा कोई मौका या वैश्विक मंच नहीं होगा जहां हमारे देशों ने एक-दूसरे का समर्थन न किया हो और साथ काम न किया हो और इसलिए आज का दिन इस दोस्ती के नाम है। अच्छी दोस्ती का मतलब ये है, सुख-दुख में एक दूसरे का साथ देना चाहे जो भी परिस्थिति हो। जब भारत या फ्रांस में कोई भी अच्छी उपलब्धि होती हो तो हम एक-दूसरे के लिए खुश होते हैं। मुझे लगता है कि भारत में फ्रांस की फुटबॉल टीम के समर्थकों की संख्या शायद जितनी फ्रांस में है उससे भी ज्यादा भारत में होगी। जब फ्रांस ने फुटबॉल विश्व कप जीता था तो इसका जश्न भारत में भी बड़े जोर-शोर से मनाया गया था। इसी तरह हम दुख की घड़ी में भी उतनी ही घनिष्ठता से एक-दूसरे के साथ खड़े हैं। इसका उदाहरण फ्रांस में हुए एयर इंडिया के दो विमान हादसों का ये स्मारक भी है। इन हादसों में कई भारतीय यात्रियों का निधन हुआ था। इनमें भारत के महान वैज्ञानिकों में से एक डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा भी थे। भारत के उस महान सपूत को और अन्य भारतीयों को जिन्होंने इस दुर्घटना में अपने प्राण गंवाए उन्हें मैं अपनी श्रद्धांजलि देता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि मैं फ्रांस की सरकार, राष्ट्रपति मैक्रों और फ्रांस की जनता का मुझे आमंत्रित करने के लिए आप सभी से मिलने का अवसर देने के लिए भी आभार व्यक्त करता हूं। एक वादा किया था, आपको याद है कि नहीं मुझे मालूम नहीं, मुझे याद है और आमतौर पर राजनेताओं को वादा भुला देने में मजा आता है। लेकिन मैं उस बिरादरी से नहीं हूं और इसलिए मैं खुद वादा याद कराता हूं। मैंने कहा था कि भारत आशाओं और आंकाक्षाओं के नए सफर पर निकलने वाला है और आज जब आपके बीच आया हूं तो नम्रता के साथ, बड़े विश्वास के साथ कह सकता हूं कि हम न सिर्फ उस सफर पर निकल पड़े हैं बल्कि 130 करोड़ भारतवासियों के सामूहिक प्रयासों से भारत तेज गति से विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। यही कारण है कि इस बार फिर देशवासियों ने पहले से भी अधिक प्रचंड जनादेश देकर हमारी सरकार को समर्थन दिया है। फिर एक बार हमें देश की सेवा करने का मौका दिया है। ये जनादेश सिर्फ एक सरकार चलाने के लिए नहीं है बल्कि नए भारत के निर्माण के लिए है। एक ऐसा नया भारत जिसका समृद्ध, सभ्यता और संस्कृति उस पर पूरे विश्व को गर्व हो और जो 21वीं सदी की आधुनिकता को भी लीड करे। ऐसा नया भारत जिसका फोकस ease of doing business पर भी हो और जो ease of living की भी सुनिश्चित करने के लिए हर कदम उठाए। भारत में पिछले पांच सालों में ढेर सारे सकारात्मक बदलाव हुए हैं। इन बदलावों की केंद्र में भारत की युवा शक्ति, भारत के गांव, गरीब, किसान ये नारी शक्ति ये उसके केंद्र बिंदु में रहे हैं। मैं फुटबॉल प्रेमियों के देश में आया हू और जब फुटबॉल प्रेमियों के बीच में आया हूं तो आप भली-भांति जानते हैं कि गोल का महत्व क्या होता है और इसलिए achieve करना है तो गोल ही करना होता है। हमनें पिछले पांच सालों में कुछ ऐसे गोल रखे हैं जो पहले नामुमकिन माने जाते थे। लेकिन team sprit की भावना से हमनें उन लोगों को, उन लक्ष्यों को साकार करके दिखाया है। पूरी दुनिया में एक तय समय में सबसे ज्यादा बैंक अकांउट अगर किसी देश में खुले हैं तो वो भारत में खुले हैं। पूरी दुनिया की आज सबसे बड़ी हेल्थ insurance स्कीम किसी देश में चल रही है तो उस देश का नाम है भारत इस स्कीम से कवर लोगों की संख्या कितनी ज्यादा है इसका अंदाजा आज इसी बात से लगा सकते हैं कि अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको इसकी जो कुल आबादी है उसको अगर हम जोड़ दें तो उससे ज्यादा भी उससे भी ज्यादा लोग भारत की इस योजना के लाभार्थी हैं। पूरी दुनिया में TB को समाप्त करने का लक्ष्य साल 2030 तक रखा है पूरे विश्व ने 2030 तक इस काम को पूरा करने का तय किया है। लेकिन ये नया हिन्दुस्तान है आपको गर्व होगा कि जिस गति से हम इस पर काम कर रहे हैं उससे भारत इस लक्ष्य को पांच साल पहले 2025 में पूरा कर देगा। इसी तरह COP-2021 में क्लाइमेट चेंज की जो लक्ष्य 2030 के लिए निर्धारित किए गए थे। उनमें से ज्यादातर लक्ष्यों को भारत अगले एक-डेढ़ वर्षों में प्राप्त कर लेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि देखिए, हिन्दुस्तान वही है, गांधी भी वही है, आप भी वही है, गांधी की शताब्दी भी मनाई गई, गांधी के सवा सौ साल भी मनाए गए। इस बार गांधी के 150 मनाए जा रहे हैं और अब तक दुनिया के 124 देशों के Top most singers, musicians ने वैष्णव-जन तो तेने कहिये, ये गाया है। आज कई studies आ रही है जिसमें कहा जा रहा है कि भारत अपनी गरीबी को बहुत तेजी से दूर कर रहा है, हम गरीबी से बाहर आ रहे हैं, ये भी हमारा एक गोल था जिसको हम तेजी से पूरा करने में लगे हैं। भारत आज नई ऊर्जा से भरा है और उसका प्रतीक है कि भारत आज startup की दुनिया में भी बहुत आगे है। छोटे-छोटे शहर के talented युवा एक से बढ़कर एक innovation कर रहे हैं। ये भी सच है कि पिछले पांच सालों में हमनें देश की अनेक कुरितियों को red card भी दे दिया है। आज नए भारत में भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, परिवारवाद, जनता के पैसे की लूट, आतंकवाद, जिस तरह लगाम कसी जा रही है वैसा पहले कभी नहीं हुआ। नए भारत में थकने-रूकने का सवाल ही पैदा नहीं होता। नई सरकार को बने ज्यादा दिन नहीं हुए हैं। अभी सिर्फ 75 दिन हुए हैं सौ दिन होना बाकी है। और ये दिन तो किसी के लिए होते हैं सरकार बनने के बाद स्वागत समारोह होते हैं, फूलमालाएं होती हैं, जय-जयकार चलता है, हम उस चक्कर में नहीं पड़े। सिर्फ 75 दिन हुए पूरे हुए लेकिन स्पष्ट नीति और सही दिशा के मंत्र से प्रेरित होकर एक के बाद एक कई बड़े फैसले ले लिए गए हैं। नई सरकार बनते ही जल शक्ति के लिए एक नए मंत्रालय को बनाया गया जो पानी से संबंधित सारे विषयों को wholistically देखेगा। गरीब किसानों और व्यापारियों को पेंशन की सुविधा मिले इसका भी फैसला लिया गया है। ट्रिपल तलाक एक अमानवीय कृति, नारी का सम्मान और उसको जीवन भर ट्रिपल तलाक की तलवार लटकती रहे, हमनें इसे खत्म कर दिया। कोई माने या न माने, कोई लिखे या न लिखे, कोई बोले या न बोले, कोई बोल पाए या न बोल पाए लेकिन इन करोड़ों बेटियों के आशीर्वाद आने वाली सदियों तक भारत का भला करने वाला है।
पीएम मोदी ने कहा कि मुस्लिम बहन-बेटियों के साथ ऐसा अन्याय नया हिन्दुस्तान कैसे स्वीकार कर सकता है। इसी तरह child protection और health के क्षेत्र में भी सरकार ने कई महत्वपूर्ण क्रांतिकारी कदम उठाए हैं। आज इस बात की बहुत चर्चा है। इस बार हमारी संसद का सत्र पिछले छ: दशक से भी ज्यादा productive रहा है। यानी पिछले साठ साल में जितने भी पार्लियामेंट के सत्र हुए हैं उसमें जितना काम होता था एक-एक सत्र में उससे ज्यादा काम इस बार हुआ है। ये क्यों हुआ, क्यों हुआ? अरे मोदी है तो मुमकिन है इसलिए नहीं हुआ है। ये इसलिए हुआ कि देश के जनता ने ठप्पा लगाया। ये सवा सौ करोड़ देशवासियों की ताकत है, ये लोकतंत्र की ताकत है और उसका दबाव होता है जो देशहित के काम करने के लिए हर किसी को प्रेरित भी करता है, मजबूर भी करता है। आप सभी जानते हैं कि 7 सितंबर को हम सभी का चंद्रयान चांद पर उतरने वाला है। इस उपलब्धि के बाद चांद पर उतरने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में हो रही इस प्रगति के बीच फ्रांस के साथ हमारे सदियों पुराने संबंध दिन-प्रतिदिन मजबूत हुए हैं। एक-दूसरे की आवश्यकताओं को ध्यान, एक-दूसरे के प्रति संवेदनशीलता, एक-दूसरे के प्रति विश्वास को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। भारत और फ्रांस एक-दूसरे के लिए लड़े भी हैं और जिए भी हैं। दोनों देशों ने कंधे से कंधा मिलाकर दुश्मनों से मुकाबला किया है। यही वो धरती है जहां प्रथम विश्वयुद्ध में 9 हजार भारतीय सैनिकों ने फ्रांस के सैनिकों के साथ मानवता के पक्ष में लड़ते हुए अपने प्राणों की आहूति दे दी थी। और यहां रहने वाले हर हिन्दुस्तानी को ये 9 हजार का आंकड़ा कभी भूलना नहीं चाहिए। हमनें fascism और extremism का मुकाबला भारत में ही नहीं बल्कि फ्रांस की धरती पर भी किया है। हमारी दोस्ती ठोस आदर्शों पर बनी है। दोनों देशों के चरित्र का निर्माण ‘लिबर्टी, इक्वलिटी और फ्रेटरनिटी’ के साझा मूल्यों से बनी है। आज अगर भारत और फ्रांस दुनिया के बड़े खतरों से लड़नें में नजदीकी सहयोग कर रहे हैं तो उसका कारण भी ये साझा मूल्य ही है। चाहे वो आतंकवाद हो या फिर Climate Changeलोकतंत्र के मूल्यों को इन खतरो से बचाने की ये हमारी collective responsibility को हमने भली-भांति स्वीकारा है। भारत और फ्रांस के संबंधों की दूसरी विशेषता ये है कि हम चुनौतियों का सामना सिर्फ बातों से नहीं ठोस कार्यवाही से करते है। दुनिया में Climate Change की बातें तो बहुत होती हैं मगर उन पर एक्शन होता हुआ कम दिखता है। हमने और फ्रांस ने साथ मिलकर International Solar Alliance की पहल की, आज इसमें करीब दुनिया के 75 देश सक्रिय रूप से जुड़ चुके हैं। और Climate Change के ग्लोबल warming के खिलाफ ISA जमीन पर सही मायने में ला रहा है। आजकल हम 21वीं सदी के Infra की बात करते हैं हर कोई next generation infra, next generation infra बोलता है। लेकिन यहां मेरा infra का मतलब कुछ और है। यहां मैं जब आपके बीच आया हूं फ्रांस की धरती पर आया हूं तब मेरा infra का मतलब है IN India के लिए FRA France के लिए IN+FRA यानि इंडिया और फ्रांस का तालमेल Alliance INFRA……. Solar INFRA से लेकर social INFRA तक, Technical INFRA से लेकर SPACE INFRA तक, डिजिटल इंफ़्रा से लेकर डिफेंस इंफ़्रा तक, भारत और फ्रांस का अलायन्स मजबूती से आगे बढ़ रहा है। भारत में स्मार्ट शहरी व्यवस्थाओं के निर्माण और इंटेलीजेंट ट्रांसपोटेशन में भागीदारी से भी दोनों ही देशों को लाभ मिल रहा है। फ्रांस में भारतीय वैज्ञानिकों और इंडिया में फ्रेंच टेक्नोलॉजी का बड़ा सम्मान है। आपमें से कई लोग फ्रांस में भारत की वैज्ञानिक प्रतिभा को रिप्रेजेंट कर रहे हैं। एकेडमिक एनर्जी एरोस्पेस टेक्नोलॉजी और दूसरे हाईटेक एरियाज में दोनों देशों के सिग्नेचर प्रोजेक्ट्स जुड़े हुए हैं। फ्रांस में दुनिया के इकलौते फ्यूज़न रिएक्टर बनाने में भी भारतीय प्रतिभा भागीदार है। यह इस सदी का बहुत महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रोजेक्ट है। जब ये टेक्नोलॉजी आने वाली पीढि़यों को अपार ऊर्जा उपलब्ध कराएगी तो उसमें आपका भी योगदान होगा। सोचिए इतना गर्व होगा हर भारतीय को। भारत से आपका रिश्ता मिट्टी का है, भारत से आपका रिश्ता मिट्टी का है तो फ्रांस से मेहनत का नाता है। आपकी सफलताएं फ्रांस के लिए गौरव का विषय तो है साथ ही ये भारत को भी गौरवान्वित करती है। भारतीय मूल के लोगों ने फ्रांसिसी पब्लिक लाइफ में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है। कई व्यक्ति फ्रांस संसद के सदस्य हैं। जब भारतीय प्रतिभाओं को फ्रांस का सम्मान प्राप्त होता है तो हमारा भी सर गर्व से ऊंचा हो जाता है। मुझे इस बात की भी खुशी है कि आपने फ्रांस के रिवाजों और कानूनों को अपनाने के साथ-साथ अपनी विशिष्ट भारतीयता को सहज रखा है।
मुझे बताया गया है कि गणपति महोत्सव पेरिस के कल्चरर केलेंडर की मुख्य विशेषता बन गया है। गणेश चतुर्थी के दिन एक प्रकार से पेरिस मिनी इंडिया में बदल जाता है। यानी अब से कुछ दिन बाद यहां गणपति बप्पा मौर्या का गूंज भी सुनाई देगी। मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं और कल जन्माष्टमी का पवित्र पर्व भी है। मैं इसके लिए भी आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। इस वर्ष हम सब महात्मा गांधी की 150वीं जंयती और गुरूनानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व भी मनाने जा रहे हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि आपमें से कुछ लोगों ने गांधी क्विज़ में भी भाग लिया होगा अगर रह गए हैं तो अभी भी मौका है।
देश के विकास के लिए आपका योगदान भारत के लिए बहुत बड़ी ताकत है। भारत और फ्रांस के रिश्तों की मजबूती के मूल में भी सिर्फ सरकारें नहीं हैं बल्कि आप जैसे नागरिक हैं। आप ही फ्रांस में भारत के प्रतिनिधि हैं, आप ही भारत की आवाज हैं, आप ही भारत की पहचान हैं। मुझे विश्वास है कि भारत की इस आवाज को आप हमेशा-हमेशा के लिए बुलंद करते रहेंगें और मैं हमेशा-हमेशा इसलिए कहता हूं कि अब हिन्दुस्तान में टेम्परेरी के लिए व्यवस्था नहीं है। आपने देखा होगा सवा सौ करोड़ का देश गांधी और बुद्ध की धरती है, राम और कृष्ण की भूमि है, टेम्परेरी को निकालते निकालते 70 साल चले गए। टेम्परेरी को निकालने में 70 साल मुझे तो समझ नहीं आ रहा है कि हंसना है कि रोना है।