सोनल मंजू श्री ओमर
राजकोट, गुजरात
रंग रंगीली आई होली।
सबके मन को भाए होली।
पकड़-पकड़ के सबको रंग दो,
बुरा ना मानो हैप्पी होली!
रंग रंगीली आई होली।
रोज-रोज न मौका मिलेगा।
न आज कोई बहाना चलेगा।
आऊँगी न तेरी बातों में,
क्योकि हूँ नही मैं इतनी भोली!
रंग रंगीली आई होली।
तरह-तरह का रंग है चोखा।
रहे ना आज कोई भी सूखा।
सबको पकड़ के टब में डुबो दो,
कर लो थोड़ी हँसी ठिठोली!
रंग रंगीली आई होली।
होली में गुझिया, पापड़ खाकर।
मिलो सभी को गले लगाकर।
रंगों सभी को प्रेम के रंग में,
ताकि बनी रहे हमजोली!
रंग रंगीली आई होली।