रांची (हि.स.)। झारखंड हाई कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की शिकायत पर ईडी के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को चुनौती देने वाली ईडी के अधिकारियों कपिल राज एवं अन्य की याचिका की सुनवाई गुरुवार को हुई।
मामले में हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति अनिल कुमार चौधरी की कोर्ट ने ईडी के अधिकारियों को गोंदा पुलिस के 41 ए के तहत दिए गए नोटिस पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा है कि अगले आदेश तक पुलिस ईडी अधिकारियों को 41 ए का नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए नहीं बुला सकती है। पुलिस के द्वारा ईडी के अधिकारियों को दिए गए 41ए के नोटिस को लेकर ईडी की ओर से दाखिल हस्तक्षेप याचिका पर जवाब के लिए राज्य सरकार की ओर से एक सप्ताह के समय की मांग की गई। कोर्ट ने राज्य सरकार को समय देते करते हुए एक सप्ताह के बाद मामले की सुनवाई की तिथि निर्धारित की।
कोर्ट ने ईडी अधिकारी के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोकने संबंधी अगले आदेश तक जारी रखा है। ईडी की ओर से एएसजीआई एसवी राजू एवं अधिवक्ता एके दास ने पैरवी की। यह एफआईआर झारखंड पुलिस ने एससी/एसटी एक्ट के तहत रांची के एससी/एसटी पुलिस थाना में दर्ज की गई है। यह एफआईआर हेमंत सोरेन सोरेन की दिल्ली आवास पर ईडी द्वारा की गई तलाशी के संबंध में एक शिकायत को लेकर की गई है। ईडी की ओर से इस केस को निरस्त करने का आग्रह कोर्ट से किया गया है। एफआईआर में ईडी के सीनियर अधिकारियों पर दिल्ली में हेमंत सोरेन के आवास पर की गई तलाशी का आरोप लगाया गया है।
इस एफआईआर में ईडी के अतिरिक्त निदेशक कपिल राज, सहायक निदेशक देवव्रत झा और अनुमान कुमार और अमन पटेल के साथ-साथ अज्ञात अधिकारियों का नाम शामिल हैं। इसमें हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया कि उनके दिल्ली आवास पर ईडी का तलाशी अभियान उन्हें और उनके समुदाय को परेशान करने और बदनाम करने के इरादे से चलाया गया।