आउटसोर्स कर्मियों के लिए शिवराज सरकार के समय की गई घोषणा का लाभ एमपी की बिजली कंपनियों का प्रबंधन अब तक नहीं दिला सका है और जिसके चलते आउटसोर्स कर्मी जोखिम भत्ते से अब तक वंचित हैं।
आउटसोर्स कर्मियों के लिए की गई घोषणा को अमलीजामा पहनाने का उत्तरदायित्व बिजली कंपनी के जिन मैदानी अधिकारियों के ऊपर है, वो ही इसमें सबसे बड़ा रोड़ा बने हुए हैं। ये बात पूर्व क्षेत्र कंपनी का प्रबंधन भी कह चुका है कि मैदानी अधिकारी समय पर आउटसोर्स कर्मियों की सूची नहीं भेजते जिससे आउटसोर्स कर्मियों को 1000 रुपए जोखिम भत्ता नहीं मिल पा रहा है। वहीं कंपनी प्रबंधन के आदेश की नाफरमानी करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं होने से वे बेलगाम होते जा रहे हैं।
इस संबंध में मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि उन्होंने सरकार की घोषणा के अनुसार आउटसोर्स कर्मियों को जोखिम भत्ता दिए जाने की मांग लगातार कंपनी प्रबंधन और अधिकारियों से की है, लेकिन इसके बावजूद सभी आउटसोर्स कर्मियों को 1000 रुपए जोखिम भत्ता नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि मैदानी अधिकारी लगातार आदेश की अवहेलना करते हुए समय पर आउटसोर्स कर्मियों की सूची संबंधित कार्यालय नहीं भेजते, जिससे भुगतान नहीं हो पा रहा है।