ग्वालियर (हि.स.)। नवरात्रि के अंतिम दिन बुधवार 17 अप्रैल को रवि योग में राम नवमी का त्योहार मनाया जाएगा। ज्योतिष शास्त्र में रवि योग को बहुत शुभ माना गया है। इस योग में सूर्य का प्रभाव होने से सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा के अनुसार भगवान विष्णु के सातवें अवतार प्रभु श्रीराम का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि, कर्क लग्न, अभिजीत मुहूर्त और पुनर्वसु नक्षत्र में हुआ था। प्रभु राम के जन्मदिन को राम नवमी के रूप में हर वर्ष देश-विदेश में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन चैत्र नवरात्रि का आखिरी दिन होता है। नौ दिनों तक नवरात्रि पर शक्ति की उपासना की जाती है फिर नवरात्रि के नौवें दिन धूम-धाम के साथ मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम का जन्मोत्सव मनाया जाता है।
इस वर्ष राम नवमी पर बहुत ही शुभ योग बन रहा है। रवि योग में राम नवमी का त्योहार मनाया जाएगा। ज्योतिष शास्त्र में रवि योग को बहुत शुभ माना गया है। इस योग में सूर्य का प्रभाव होने से सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। रवि योग में धर्म-कर्म और पूजा-पाठ करने से जीवन में सफलता और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
राम नवमी तिथि और शुभ मुहूर्त: हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि मंगलवार 16 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 23 मिनट से आरंभ होगी और बुधवार 17 अप्रैल 2024 को दोपहर 3 बजकर 14 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। उदया तिथि के आधार पर राम नवमी का त्योहार बुधवार 17 अप्रैल को मनाया जाएगा। ऐसे में राम नवमी पर मध्याह्र पूजा का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 10 मिनट से लेकर 1 बजकर 43 तक रहेगा। इस दौरान विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 34 मिनट से 3 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। गोधूलि मुहूर्त शाम 6 बजकर 47 मिनट से 7 बजकर 9 मिनट तक रहेगा।