श्योपुर (हि.स.)। जिलाधीश लोकेश कुमार जांगिड ने सोमवार को आयोजित समय सीमा की बैठक के दौरान निर्देश दिए कि जिन विभागों में विभागीय जांच लंबित है, उनका निराकरण एक माह की अवधि में करें। अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि विभागीय जांच एक माह से अधिक लंबित न रहें। इसी प्रकार लोक सेवाओं में प्राप्त आवेदनों का निराकरण निर्धारित समय अवधि में किया जाए। लोक सेवाओं के निर्धारित अवधि के उपरांत लंबित रहने पर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध पैनल्टी लगाए जाने के निर्देश भी दिए गए।
जिलाधीश जांगिड़ ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि, जिन-जिन विभागों में समितियां गठित है, उनका ब्यौरा प्रस्तुत करें। जिन समितियों में कलेक्टर अध्यक्ष है अथवा सदस्य, सचिव है, उन विभागों द्वारा समितियों की अब तक की बैठक तथा कार्रवाई विवरण की जानकारी प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि, जिन विभागों के उच्च न्यायालय में प्रकरण चल रहे है, उनमें जवाब दावे प्रस्तुत किए जाए तथा एक कॉपी जेसी शाखा को उपलब्ध कराई जाए।
इसके अलावा जिन विभागों को निर्माण कार्यों के लिए शासकीय भूमि की आवश्यकता है, वे आरसीएमएस पोर्टल पर नियमानुसार भूमि आवंटन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जाना सुनिश्चित करें। बैठक में अतिरिक्त जिलाधीश डॉ. एके रोहतगी, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्योपुर मनोज गढ़वाल, कराहल उदयवीर सिंह सिकरवार, उप जिलाधीश संजय जैन, वायएस तोमर, तहसीलदार श्रीमती प्रेमलता पाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। इसके अलावा एसडीएम विजयपुर बीएस श्रीवास्तव वर्चुअली माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
बगैर अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे अधिकारी: जिलाधीश लोकेश कुमार जांगिड ने निर्देश दिए कि, कोई भी अधिकारी बगैर उनकी अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि, अगले 45 दिन तक राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, महिला बाल विकास विभाग, पीएचई, नगरीय प्रशासन तथा सभी निर्माण विभागों के खण्ड स्तरीय अधिकारी तथा जिला स्तरीय अधिकारी अवकाश के दिनों में भी अर्थात शनिवार एवं रविवार को भी मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे।
बारिश पूर्व नालों की सफाई कराने के निर्देश: जिलाधीश लोकेश कुमार जांगिड ने मुख्यनगपालिका अधिकारी श्योपुर सतीश मटसेनिया सहित जिले की सभी नगरीय निकायों के अधिकारियो को निर्देश दिए कि, बारिश के पूर्व सभी नालों एवं नालियों की सफाई सतत् रूप से जारी रखी जाए। जल भराव के स्थानों को चिन्हित कर जल निकासी के प्रबंध सुनिश्चित किए जाए।