बिजली कंपनियों में करंट का कार्य करने वाले आउटसोर्स एवं संविदा बिजली कर्मियों की संख्या सबसे ज्यादा है और आउटसोर्स एवं संविदा कर्मी ही आए दिन कार्य के दौरान हादसे का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में एमपी की बिजली कंपनियों में सभी कार्मिकों के लिए तत्काल कैशलेस मेडिकल योजना लागू की जाए और इसमें आउटसोर्स एवं संविदा लाइन कर्मियों को प्राथमिक तौर पर शामिल किया जाए।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल की उत्तरवर्ती बिजली कंपनियों के आला अधिकारियों के द्वारा विगत दिवस छत्तीसगढ़ पावर कंपनी के द्वारा लागू कैशलेस मेडिकल योजना का अध्ययन किया गया। इस योजना को सभी बिजली कार्मिकों एवं पेंशनर्स के लिए बेहतर पाया गया है, ऐसे में इस योजना को मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियों में तत्काल लागू किया जाना चाहिए।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने बिजली कंपनियों के प्रबंधन को साधुवाद देते हुए कहा कि तकनीकी कर्मचारी संघ द्वारा दशकों से लगातार ऊर्जा मंत्री, श्रम मंत्री, प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं कंपनी प्रबंधन पत्र लिखकर एवं वार्ता के दौरान आउटसोर्स, संविदा, नियमित कर्मचारियों एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए मेडिकल योजना एवं जीवन बीमा की मांग करता रहा है। संघ द्वारा इसके लिए जनवरी 2023 में 5 दिन की हड़ताल भी की गई थी।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि विद्युत तंत्र को चलायमान रखने वाले तकनीकी कर्मचारियों का स्वास्थ्य ठीक रहेगा और उन्हें कार्य के दौरान दुर्घटना होने पर उपचार पर होने वाले खर्चों की चिंता नहीं होगी, तो वे उत्साह और उमंग के साथ निर्भय होकर कार्य करेंगे, जिससे विद्युत कंपनी भी शिखर पर पहुंचेगी।
संघ के राम समझ यादव, शंभू नाथ सिंह, राम केवल यादव, रतिपाल यादव, रमेश रजक, एसके मौर्य, केएन लोखंडे, जेके कोष्टा, अजय कश्यप, मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, लखन सिंह राजपूत, इंद्रपाल सिंह, अरुण मालवीय, संदीप यादव, पवन यादव, अमीन अंसारी आदि ने कहा है कि जिस तरह से छत्तीसगढ़ में बिजली कर्मचारियों के हित में कैशलेस मेडिकल योजना की सुविधा दी जा रही है, उसी प्रकार से मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मंडल की सभी उत्तरवर्ती कंपनियों में कार्यरत आउटसोर्स, संविदा, नियमित कार्मिकों एवं सेवानिवृत कर्मचारियों के लिए भी कैशलेस मेडिकल योजना की सुविधा लागू की जाए।