जबलपुर जिले में संचालित होटल, रेस्टारेण्ट, निजी अस्पताल एवं नर्सिंग होम, पेट्रोल पम्प गैस वितरण ऐजेन्सी, मेडीकल स्टोर्स जैसी सभी व्यावसायिक इकाईयों, राशन दुकानों, शैक्षणिक संस्थानों, कृषि आदान विक्रय प्रतिष्ठानों तथा औद्योगिक इकाईयों में नियामक नियमों का पालन कराने जल्दी ही प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में गठित दलों द्वारा इनकी जांच की जायेगी।
सप्ताह के सातो दिन के लिए अलग-अलग गठित इन दलों में स्वास्थ्य, खाद्य एवं औषधि प्रशासंन, खाद्य, नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण मंडल, उद्योग, कोषालय, शिक्षा, विद्युत, आबकारी, खनिज, नापतौल एवं श्रम विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया है। सभी सात दलों में शामिल इन अधिकारियों को आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कलेक्टर दीपक सक्सेना एवं पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह की मौजूदगी में आयोजित की गई बैठक में कार्यवाहियों को लेकर जरूरी दिशा-निर्देश दिये गये। बैठक में अपर कलेक्टर नाथूराम गौड भी उपस्थित थे।
बैठक में स्पष्ट किया गया कि विभिन्न संस्थानों तथा व्यावसायिक एवं औद्योगिक इकाईयां की जांच का मुख्य उद्देश्य व्यापक जनहित में नियम, कायदे, कानून का पालन कराना और व्यवस्थाओं में सुधार लाना है। बैठक में जांच दलों के शामिल अधिकारियों से भी कहा गया कि उन्हें व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, संस्थानों और औद्योगिक इकाईयों की जांच नियमों के दायरे में ही रहकर करनी है।
जांच के दौरान उन्हें ध्यान रखना होगा कि इससे किसी को परेशानी न हो तथा व्यवसाय या इकाईयों के संचालन में रूकावट न हो। जहां भी नियामक नियमों का उल्लंघन पाया जाये वहां वैधानिक प्रावधानों के तहत प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करनी है। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बैठक में कहा कि कार्यवाही के पहले जांच दलों को पूरी प्लानिंग करनी होगी। जिस संस्थान की जांच की जानी है उससे संबंधित नियमों और प्रावधानों का गहराई से अध्ययन करना होगा। उन्होंने जांच की कार्यवाही में पूरी पारदर्शिता बरतने की हिदायत भी दी।
कलेक्टर ने साफ किया कि जांच दल रोस्टर के मुताबिक तय दिन पर किसी भी क्षेत्र में जाकर जांच कर सकेंगे। उनके लिये क्षेत्र या सीमा का कोई बंधन नहीं है। शहरी क्षेत्र की टीमें ग्रामीण क्षेत्र में और ग्रामीण क्षेत्र में पदस्थ अधिकारियों के दल शहरी क्षेत्र में जाकर जांच कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि चूंकि जांच का हमारा उद्देश्य आम नागरिकों की शिकायतों और समस्याओं का समाधान करना है। इसलिये अधिकारियों को कार्यवाही के दौरान किसी प्रकार के दबाव में आने की जरूरत नहीं है।
दीपक सक्सेना ने कहा कि जांच के दौरान किसी भी प्रकार की कठिनाई आने पर अधिकारियों को सीधे उनसे या पुलिस अधीक्षक से संपर्क करने के निर्देश भी दिये। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जांच दलों को निजी अस्पतालों एवं नर्सिंग होम की जांच के दौरान इनके भीतर खुले मेडिकल स्टोर्स को भी जांच के दायरे में शामिल करने के निर्देश दिये। इसके अलावा भी उन्होंने शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में स्थित मेडिकल स्टोर्स की जांच करने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि जांच दल मेडिकल स्टोर्स की जांच के दौरान देखें कि एक्सपायरी डेट की तथा नशीली दवाओं का विक्रय तो नहीं किया जा रहा है।
कलेक्टर ने कहा कि खाद्यान्न वितरण में मिल रही शिकायतों को देखते हुये जांच दलों को राशन दुकानों खास तौर पर जबलपुर शहर में स्थित राशन दुकानों की जांच पर विशेष ध्यान केन्द्रित करना होगा। जांच दल राशन दुकानों से उपभोक्ताओं को वितरण किये जा रहे खाद्यान्न का पूरा ब्यौरा लें तथा पीओएस मशीन से इसका सत्यापन भी करें। वितरण केन्द्रों से खाद्यान्न किस माध्यम से राशन दुकानों तक पहुंच रहा है इसकी जानकारी भी लेने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
दीपक सक्सेना ने कहा कि जांच दलों को होटल और रेस्टॉरेंट के साथ-साथ खान-पान की सभी दुकानों की भी जांच करनी होगी। इस दौरान दुकानदारों के लायसेंस देखने होंगे और यदि किसी के पास लायसेंस नहीं है तो उन्हें लायसेंस बनवाने के लिये कहना होगा। इसी प्रकार पेट्रोल पम्पों की जांच के दौरान उपभोक्ताओं को सही मात्रा और माप में पेट्रोल-डीजल मिले यह सुनिश्चित करना होगा। गैस वितरण ऐजेंसियो की जांच के दौरान रसोई गैस के भरे सिलैण्डर के वजन की तौल करनी होगी। इसके साथ ही गैस उपभोक्ताओं की संख्या के अनुसार रसोई गैस सिलेण्डर की औसत खपत का ब्यौरा भी लेना होगा। कलेक्टर ने एमआरपी से ज्यादा कीमत पर शराब बेचने की मिल रही शिकायतों पर शराब दुकानों की भी जांच करने के निर्देश दिये।
पुलिस अधीक्षक आदित्य प्राताप सिंह ने बैठक में व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, विभिन्न संस्थानों एवं औद्योगिक इकाईयों की जांच के लिए गठित टीमों को निडर होकर कार्यवाही करने कहा। उन्होंने सलाह दी कि जांच के पहले टीम लीडर्स अपने दल के सदस्यों की बैठक लेकर जांच के बिंदु तय करलें और मुद्दों को अच्छी तरह से समझ लें।
पुलिस अधीक्षक ने जांच दलों को टीम की तरह कार्य करने की हिदायत भी दी। जांच के दौरान दल के सभी सदस्य मौजूद रहे और जिस प्रतिष्ठान की जांच हो उससे संबंधित विभाग का अधिकारी उसे लीड करे। उन्होंने साफ किया कि जांच का उद्देश्य नियमों का कड़ाई से पालन कराना और व्यवस्थाओं में सुधान लाना है। पुलिस अधीक्षक ने जांच दलों को जांच के बाद अपनी रिपोर्ट कलेक्टर कार्यालय को देने तथा जांच के अनुभव दूसरी टीमों से साझा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जो टीम अच्छी कार्यवाही करेगी उसे पुरस्कृत भी किया जायेगा।