Tuesday, November 26, 2024
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जबलपुर में निजी स्कूलों की लूट का एक और उदाहरण: प्रकाशक एक, कंटेंट और लेखक भी वही, किताब का नाम और कीमत अलग-अलग

जबलपुर (लोकराग)। जिला प्रशासन द्वारा निजी स्कूलों की अवैध फीस वसूली तथा पुस्तक विक्रेताओं एवं प्रकाशकों से उनकी साठगांठ तोड़ने की कार्यवाही में ऐसे तथ्य भी सामने आये हैं, जहां एक ही किताब अलग-अलग नाम से अलग-अलग स्कूलों में चलाई जा रही थी।

इन किताबों के प्रकाशक एक ही हैं किताबों के लेखक भी एक ही है, यहां तक की इंडेक्स और कंटेंट भी वहीं हैं, लेकिन कवर पेज और किताब के नाम बदलकर अलग-अलग कीमत पर और अलग-अलग स्कूलों में ये चलाई जा रही थीं।

फ्रेण्डस पब्लिकेशन (इंडिया), आगरा द्वारा प्रकाशित इन किताबों को सुमेधा और आमोदनी नाम दिया गया है। दोनों किताबों का लेखन और संकलन वाराणसी के डॉ. राम अवतार शर्मा द्वारा किया गया है। दोनों किताबों में खास बात है कि इनके प्रत्येक पृष्ठ का कंटेंट एक जैसा है। जो कंटेंट ‘सुमेधा’ के पृष्ठ क्रमांक 13 पर है, वहीं ‘आमोदनी’ के पृष्ठ क्रमांक 13 पर भी मिलेगा। कुल मिलाकर 133-133 पृष्ठों की दोनों किताबों के प्रत्येक पृष्ठ पर एक जैसे कंटेंट देखने मिलेंगे। लेकिन कमीशन खोरी की वजह से इन किताबों के दाम अलग-अलग रखे गये हैं।

जहां ‘सुमेधा’ का विक्रय मूल्य 345 रूपये है वहीं ‘आमोदनी’ 265 रूपये में बेची जा रही है। यह एक उदाहरण मात्र है। जिला प्रशासन ने निजी स्कूलों द्वारा प्रकाशकों और पुस्तक विक्रेताओं से साठगांठ कर अभिभावकों से अवैध वसूली के इस तरह के कई मामलों को भी जांच के दायरे में शामिल किया है।

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