भोपाल (लोकराग)। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रालय स्थित सभाकक्ष में राज्य उच्च शिक्षा परिषद (SHEC) की आठवीं बैठक हुई।
इस बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम- ऊषा) के विभिन्न घटकों (MERU, GSU, GSC और GIEI) के लिए कुल 565 करोड़ रुपए (केंद्रांश 339 करोड़ एवं राज्यांश 226 करोड़) का अनुमोदन हुआ है। भारत सरकार के मानदंडों के अनुरूप परिषद के बेहतर क्रियान्वयन और प्रभावकारी बनाने के लिए एक समिति बनाने का निर्णय लिया गया है।
उच्च शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार ने कहा कि राज्य उच्च शिक्षा परिषद की नियमित बैठक की जाएं और भारत सरकार के मानदंडों के अनुरूप व्यापक विचार मंथन कर परिषद की व्यापकता सुनिश्चित की जाए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुपालन में परिषद के पारदर्शी निर्णयों से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर क्रियान्वयन हो।
प्रदेश की उच्च शिक्षा के विकास में प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम- ऊषा), मील का पत्थर है। उत्कृष्टता और सुदृढ़ीकरण के लिए भारत सरकार और राज्य सरकार के प्रयास से प्रदेश में सकल नामांकन अनुपात में वृद्धि कर युवाओं को शिक्षा में अवसर प्रदान करने का मजबूत प्रयास है।
इन्दर सिंह परमार ने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालय पीएम- ऊषा के अंतर्गत शोध एवं अनुसंधान पर विशेष ध्यान दें और इसके लिए प्राप्त राशि में से अधिकतम राशि निर्धारित अनुपात में आवंटित की जाए। पीएम- ऊषा अंतर्गत प्रयोगशाला जैसे विकसित संसाधनों का अन्य विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों के विद्यार्थियों द्वारा साथ साझा उपयोग किया जाना भी सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने पीएम- ऊषा परियोजना अंतर्गत कार्यों को विभागीय समन्वय के साथ तय समय सीमा पर पूरा करने और गुणवत्ता सुधार हेतु परियोजना संचालनालय को आवश्यक सहयोग करने के निर्देश भी दिए। श्री परमार ने कहा कि शिक्षा सिर्फ सरकार की ही नहीं, समाज की भी जिम्मेदारी है। इसके लिए जनसहभागिता और संस्थान से शिक्षण प्राप्त करने वाले पूर्व विद्यार्थियों को भी जोड़कर सार्थक सहभागिता करने के लिए प्रेरित करें।
इस बैठक में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा केसी गुप्ता, सचिव तकनीकी शिक्षा डॉ. संजय गोयल, आयुक्त उच्च शिक्षा निशांत बरबड़े, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलगुरु सहित परिषद के सदस्यगण उपस्थित रहे।