जबलपुर (लोकराग)। बिजली कंपनी के अधिकारी आउटसोर्स कर्मियों की जान जोखिम में डालकर किस तरह से नियम विरुद्ध करंट का कार्य करवाते हैं, इसकी एक बानगी पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के अंतर्गत नरसिंहपुर में उस समय देखने को मिली जब एक ट्रांसफार्मर जल जाने के बाद उसे बदलकर नये ट्रांसफार्मर में डिओ फ्यूज लगाने नियमित कर्मचारी के विरुद्ध आउटसोर्स कर्मी को ट्रांसफार्मर पर चढ़ा दिया।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि 16 जून को नरसिंहपुर ग्रामीण डीसी का ट्रांसफार्मर जल गया था, दोपहर 3 बजे बिजली सप्लाई बंद करके दूसरा ट्रांसफार्मर डीपी के ऊपर चढ़ा कर 11 केवी का डिओ फ्यूज आउटसोर्स कर्मी अशोक सराठे उम्र 35 वर्ष लग रहा था, उसी समय अचानक बिजली चालू होने से वो करंट की चपेट में आ गया।
करंट लगने की वजह से आउटसोर्स कर्मी 20 फीट की ऊंचाई से जमीन पर आ गिरा। घटनास्थल पर मौजूद सहयोगियों के द्वारा अशोक सराठे का तत्काल नरसिंहपुर के सरकारी अस्पताल में प्राथमिक उपचार कराया गया। कर्मी के स्वास्थ्य की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर के द्वारा उसे जबलपुर रेफर कर दिया गया। जबलपुर में प्राइवेट हॉस्पिटल में आउटसोर्स कर्मी अशोक सराठे को आईसीयू वार्ड में भर्ती किया गया है।
डॉक्टर के द्वारा बताया गया कि दाहिने हाथ, रीढ़ की हड्डी एवं पसली में फैक्चर हो गया है। पूर्व क्षेत्र कंपनी के लिए अशोक सराठे को उर्मिला प्राइवेट कंपनी के द्वारा नियुक्त किया गया था। कर्मी को करंट लगने के बाद भी आज तक ठेकेदार देखने तक नहीं आया और ना ही इलाज के लिए सहायता राशि दी गई। कर्मी के ऊपर अचानक इतनी बड़ी विपदा आने पर उसके परिवार के द्वारा अभी तक ₹40000 इलाज में खर्च कर दिए गए हैं।
संघ के मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, लखन सिंह राजपूत, विनोद दास, अरुण मालवीय, इंद्रपाल सिंह, पवन यादव, संदीप यादव, शशि उपाध्याय, ख्याली राम, राम शंकर, अमीन अंसारी आदि ने पूर्व क्षेत्र कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि जो ठेका कंपनी आउटसोर्स कर्मियों का इलाज नहीं करवा सकती उसका ठेका तत्काल निरस्त किया जावे एवं पूर्व क्षेत्र कंपनी के द्वारा आउटसोर्स कर्मी का इलाज करने के लिए सहायता राशि उपलब्ध कराई जाए।