भोपाल (हि.स.)। मध्यप्रदेश के 16 विश्वविद्यालयों को डिफॉल्टर घोषित किया गया है। इनमें सात सरकारी और नौ निजी विश्वविद्यालय शामिल हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा लोकपाल की नियुक्ति नहीं करने पर इन विश्वविद्यालयों के खिलाफ यह कार्रवाई की है।
यूजीसी ने 19 जून को डिफॉल्टर घोषित किए गए विश्वविद्यालयों की सूची जारी है। इनमें तीन सरकारी विश्वविद्यालय जबलपुर तथा भोपाल और ग्वालियर के 2-2 विश्वविद्यालय शामिल हैं। लोकपाल की नियुक्ति नहीं करने के चलते डिफाल्टर घोषित नौ निजी विश्वविद्यालय में इंदौर की तीन और भोपाल दो विश्वविद्यालय शामिल हैं। इसके अलावा, सीहोर, देवास, नीमच और सागर की एक-एक निजी विश्वविद्यालय को डिफाल्टर घोषित किया गया है।
डिफास्टर घोषित किए गए सरकारी विश्वविद्यालयों में 1. राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल, 2. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, भोपाल, 3. मध्यप्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी, जबलपुर, 4. जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर, 5. नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर, 6. राजा मान सिंह म्यूजिक एंड आर्ट यूनिवर्सिटी, ग्वालियर 7. राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर शामिल है।
इसी प्रकार निजी विश्वविद्यालयों में 1. आर्यावर्त यूनिवर्सिटी, सीहोर, 2. एलएनसीटी विद्यापीठ यूनिवर्सिटी, इंदौर, 3. मध्यांचल प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, भोपाल, 4. ओरिएंटल यूनिवर्सिटी, इंदौर, 5. श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय, इंदौर, 6. स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी, सागर, 7. ज्ञानोदय यूनिवर्सिटी, नीमच, 8. जेएनसीटी प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, भोपाल, 9. अमलतास यूनिवर्सिटी, देवास को डिफाल्टर घोषित किया गया है।
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल के पूर्व कुलपति और शिक्षाविद् डॉ. बी. भारती ने बताया कि यूजीसी जिन विश्वविद्यालय को डिफाल्टर घोषित किया है, उनमें एक भी परंपरागत विश्वविद्यालय नहीं है। डिफाल्टर घोषित हुई स्पेसिफिक स्टेट यूनिवर्सिटी हैं। इस कारण कॉमन कोर्सेस (बीए, बीकॉम, बीएसएसी, एमए, एमएससी, एमकॉम जैसे कोर्स) का संचालन इन विश्वविद्यालयों में नहीं होता है।
पूर्व जज ओमप्रकाश सुनरया माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के लोकपाल नियुक्त
डिफाल्टर घोषित होने के बाद गुरुवार को माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय ने लोकपाल की नियुक्ति कर दी है। सेवानिवृत प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश ओमप्रकाश सुनरया को माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में लोकपाल नियुक्त किया गया है। यूजीसी द्वारा प्रदत्त दिशा निर्देशों के परिपालन में जारी विज्ञापन के आधार पर प्राप्त आवेदनों का विश्वविद्यालय में गठित समिति की अनुशंसा अनुसार सुनरया, लोकपाल के पद पर नियुक्त किए गए हैं। उनकी नियुक्ति कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्ष की अवधि तक के लिए है। सुनरया विश्वविद्यालय के पहले लोकपाल होंगे।