सकल तकनीकी एवं वाणिज्यिक हानियों को कम करने के लिए राजस्व वसूली के साथ-साथ बिजली चोरी पर प्रभावी अंकुश लगाया जाए। इसके लिए किसी भी स्तर पर कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक क्षितिज सिंघल ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि अनाधिकृत विद्युत उपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करें। इसके लिए जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन का भी सहयोग लें।
उन्होंने स्पष्ट किया कि बकायादारों के बिजली कनेक्शन को तत्काल विच्छेदित करें। बकायादार के नामों को सार्वजनिक करके उनकी लिस्ट नगर निगम, ग्राम पंचायतों तथा तहसील कार्यालयों में प्रदर्शित करवाई जाए। एमडी क्षितिज सिंघल ने कहा कि यदि कोई उपभोक्ता कनेक्शन विच्छेदन के उपरांत अपना कनेक्शन स्वयं ही जोड़ लेता है तो उस पर भी निगरानी रखी जाए और उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए। ‘‘प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान’’ (प्रधानमंत्री जन मन योजना) के तहत विद्युतीकरण के कार्य प्राथमिकता से कराये।
प्रबंध संचालक क्षितिज सिंघल ने मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी कार्यक्षेत्र के सभी 16 जिलों के मैदानी अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से सीधी बातचीत की। उन्होंने कहा कि निर्धारित लक्ष्य पूरा करने के साथ ही उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराना कंपनी की जिम्मेदारी है। इसलिए मैदानी अधिकारी अपना निर्धारित लक्ष्य पूरा अवश्य करें ताकि उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा उपलब्ध करने में हम सफल हो सकें। प्रबंध संचालक ने कहा कि यदि मीटर रीडिंग में गड़बड़ी हो रही है तो तत्काल मीटर रीडर को बर्खास्त करें और इसके साथ ही आउटसोर्स कंपनी पर भी नियमानुसार कार्यवाही की जाए।
प्रबंध संचालक क्षितिज सिंघल ने निर्देशित किया कि कोताही बरतने वाले मीटर रीडरों को कंपनी द्वारा बाहर करने पर आउटसोर्स कंपनी से पुनः नियुक्ति संबंधी कार्यवाही न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए। गैर घरेलू एवं इंडस्ट्रीयल पॉवर के उपभोक्ताओं के खराब अथवा जले मीटर तत्काल बदले जाएं।
प्रबंध संचालक ने समीक्षा बैठक में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी कार्यक्षेत्र के सभी 16 जिलों में विद्युत आपूर्ति को लेकर फीडबैक के साथ ही बेहतर कार्य तथा गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति के लिए सुझाव भी मांगे, जिन पर अमल किया जाएगा। बैठक में आंगनवाड़ी विद्युतीकरण योजना, एसएसटीडी, अवैध कॉलोनियों में विद्युतीकरण, आरडीएसएस आदि योजनाओं की भी समीक्षा की गई।