अतिरिक्त जिला अथवा रेफरल अस्पतालों (डीएच/आरएच) के निर्माण के लिए कुछ राज्यों एवं केन्द्र-शासित प्रदेशों द्वारा इस आशंका के कारण की गई मांग को ध्यान में रखते हुए कि मेडिकल कॉलेजों में परिवर्तित किए जा रहे मौजूदा डीएच/आरएच को एनएचएम से वित्त पोषण संबंधी सहायता मिलना बंद हो जाएगा, केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने राज्यों एवं केन्द्र-शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि सभी मौजूदा डीएच/आरएच जिन्हें मेडिकल कॉलेजों में परिवर्तित किया जा रहा है, वे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत अपनी भूमिका एवं दायित्व को निभाना जारी रखेंगे और एनएचएम के तहत केन्द्र से वित्त पोषण संबंधी सहायता प्राप्त करना जारी रखेंगे।
मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाने के लिए पिछले नौ वर्षों के दौरान ठोस प्रयास किए गए हैं। फिलहाल देश में 706 मेडिकल कॉलेज हैं। पिछले नौ वर्षों में, कुल 319 मेडिकल कॉलेज जोड़े गए हैं (निजी मेडिकल कॉलेजों सहित), जिससे 2014 के बाद से मेडिकल कॉलेजों की स्थापना में 82 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारत का चिकित्सा शिक्षा नेटवर्क पेशेवर शिक्षा एवं गुणवत्ता की दिशा में अधिक ध्यान और निवेश के साथ कई गुना विस्तारित हुआ है। मुख्य ध्यान वंचित क्षेत्रों तक पहुंचने और सुलभता की कमी को दूर करने पर रहा है। वैश्विक स्तर पर, स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर सुलभता सुनिश्चित करने हेतु डॉक्टर जनसंख्या अनुपात को बेहतर करने हेतु निरंतर अभियान चलाया जा रहा है।
जिला अस्पतालों को सशक्त एवं उन्नत करके नए मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए केन्द्रीय वित्त पोषण संबंधी सहायता प्रदान करने हेतु एक केन्द्र प्रायोजित योजना– “मौजूदा जिला/रेफरल अस्पतालों से जुड़े नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना”- 2014 में शुरू की गई थी। इस योजना के तीन चरण अब तक लागू किए जा चुके हैं, जिसके तहत चिकित्सा सेवा से जुड़े पेशेवरों की संख्या को बढ़ाने के उद्देश्यों के अनुरूप 157 कॉलेजों को मंजूरी दी गई है। अब तक, इन 157 मेडिकल कॉलेजों में से 108 कॉलेज पहले ही अपना कामकाज शुरू कर चुके हैं। स्वीकृत 157 कॉलेजों में से 40 आकांक्षी जिलों में स्थित हैं, जिससे इन जिलों में निवेश को बढ़ावा मिलता है।