नीति आयोग के एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2023-24 में मध्य प्रदेश 67 समग्र अंकों के साथ फ्रंट रनर राज्य बन गया है। प्रदेश ने लक्ष्य-12 जिम्मेदारी के साथ उपभोग और उत्पादन, लक्ष्य-15 भूमि पर जीवन, लक्ष्य-7 सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा, लक्ष्य- 6 स्वच्छ पानी और स्वच्छता, लक्ष्य-11 सतत शहरी और सामुदायिक विकास तथा लक्ष्य -1 गरीबी उन्मूलन में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। वर्ष 2020-21 में मध्य प्रदेश 62 अंकों के साथ परफॉर्मेर राज्य था।
एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2023-24 में मध्यप्रदेश के सतत विकास लक्ष्यों में लक्ष्यवार अंक निम्नानुसार हैं:
लक्ष्य तथा उद्येश्य | अंक |
लक्ष्य 1 गरीबी उन्मूलन | 67 |
लक्ष्य 2 भुखमरी उन्मूलन | 48 |
लक्ष्य 3 अच्छा स्वास्थ्य और जीवन स्तर | 56 |
लक्ष्य 4 गुणवत्तापूर्ण शिक्षा | 49 |
लक्ष्य 5 लैंगिक समानता | 48 |
लक्ष्य 6 साफ पानी और स्वच्छता | 87 |
लक्ष्य 7 सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा | 90 |
लक्ष्य 8 अच्छा काम और आर्थिक विकास | 64 |
लक्ष्य 9 उद्योग, नवाचार और आधोसंरचना विकास | 39 |
लक्ष्य 10 असमानता में कमी | 54 |
लक्ष्य 11 सतत शहरी और सामुदायिक विकास | 86 |
लक्ष्य 12 जिम्मेदारी के साथ उपभोग और उत्पादन | 92 |
लक्ष्य 13 जलवायु परिवर्तन | 63 |
लक्ष्य 15 भूमि पर जीवन | 90 |
लक्ष्य 16 शांति और न्याय के लिए संस्थान | 73 |
समग्र अंक | 67 |
सूचकांक के अनुसार मध्य प्रदेश ने 1.36 करोड़ व्यक्तियों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकाला है। प्रदेश में 97.87% लाभार्थियों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत कवरेज मिल रहा है। कुल प्रसव में से संस्थागत प्रसव का प्रतिशत 98.48% है। 9 से 11 महीने के आयु समूह में पूर्ण टीकाकरण वाले बच्चों का प्रतिशत 93.19% है।
प्रदेश में जन्म के समय लिंगानुपात 950 के लक्ष्य के विरुद्ध 956 है। प्रदेश के शत प्रतिशत घरों में बिजली पहुंच गई है। प्रधानमंत्री जन धन योजना में महिला खाताधारकों का प्रतिशत 50% लक्ष्य के विरुद्ध 55.57% है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सड़कों से जुड़ी लक्षित बस्तियों का प्रतिशत 99.98% है। पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 33% के लक्ष्य के मुकाबले 50% है। पर्यावरण मानकों का अनुपालन करने वाले उद्योगों का प्रतिशत 98.40% है जबकि भौगोलिक क्षेत्र के प्रतिशत के रूप में वन आवरण क्षेत्र 25.14% है।
उल्लेखनीय है कि एसडीजी इंडिया इंडेक्स सूचकांक व्यापक रूप से सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा की गई प्रगति के आधार पर उनकी रैंकिंग निर्धारित करता है। इस सूचकांक में प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के लिए 16 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) पर लक्ष्यवार अंक की गणना की जाती है। 65 से 99 अंक प्राप्त करने पर फ्रंट रनर श्रेणी में वर्गीकृत किया जाता है।