बाजार में मिल रही अच्छी कीमत के कारण बासमती धान जबलपुर जिले के किसानों की पहली पसंद बनता जा रहा है। जिले में पिछले चार वर्षों के दौरान बासमती धान का रकबा 10 हजार हेक्टेयर से बढ़कर करीब 35 हजार हेक्टेयर हो गया है।
उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास रवि आम्रवंशी के अनुसार खरीफ मौसम में जिले में 1 लाख 70 हजार हेक्टेयर में धान की फसल ली जाती है। इस वर्ष शासकीय एवं निजी बीज विक्रेताओं के माध्यम से जिले में लगभग 6 हजार 800 क्विंटल बासमती धान के बीज की मुख्य किस्में किसानों को उपलब्ध कराई गई हैं। जिले में बासमती धान की नर्सरी तैयार कर मजदूर एवं पैडी ट्रांसप्लांटर के माध्यम से रोपाई निरंतर जारी है।
रवि आम्रवंशी ने बताया कि बासमती चावल का लंबा पतला सुगंधित एवं मुलायम होता है। किसानों को बाजार में इसकी अच्छी कीमत मिलती है। बोनी हेतु बासमती धान का बीज 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर लगता है और इसका प्रमाणित बीज 75 से 100 रुपए प्रति किलो मिलता है। बासमती धान 110 से 115 दिन में पककर तैयार भी हो जाती है। जिले में बासमती धान का उत्पादन 55 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टर प्राप्त हो रहा है।
उप संचालक किसान कल्याण के मुताबिक किसानों को बासमती धान का बाजार मूल्य 5 हजार से 5 हजार 500 रुपये प्रति क्विंटल मिलता है। दावत जैसी प्रमुख कम्पनियां भी जिले के किसानों से अधिक कीमत पर बासमती धान खरीद रही हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक कीमत बाजार में मिलने से किसानों की सरकारी खरीद पर निर्भरता खत्म हो जाती है। खरपतवार, कीट एवं बीमारियों पर दवाओं के माध्यम से आसानी से नियंत्रण तथा उपयुक्त जलवायु, प्रति हेक्टेयर अधिक उत्पादन जैसे कारणों से भी जिले के किसानों का रुझान बासमती धान की ओर लगातार बढ़ रहा है।